प्रधानमंत्री का तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला; किसानों ने जाहिर की खुशी

उत्तर प्रदेश (सुनील अरोड़ा - आगरा - 19.11.2021) :: केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों विवादित कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री ने वापस लेने का फैसला किया है। घोषणा के लिए प्रकाश पर्व का दिन चुना गया। पीएम ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में यह बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ये कानून किसानों के हित में नेक नीयत से ये कानून लाई थी, लेकिन हम कुछ किसानों को समझाने में नाकाम रहे। बता दे कि पिछले कई महीनों से तीन कृषि कानूनों की वापसी को लेकर हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि हम पूरी विनम्रता से किसानों को समझाते रहे। बातचीत भी होती रही। कानून के जिन प्रावधानों पर उन्हें ऐतराज था उन्हें सरकार बदलने को तैयार हो गई। गुरु नानक देवजी का पवित्र पर्व है यह समय किसी को दोष देने का नही है। मैं आज पूरे देश को यह बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है। इसी शीत सत्र में हम इसे वापस लेने की संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर देंगे।

कानूनों की वापसी पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले- संसद में कानून वापसी का इंतजार करेंगे। सिंघु और टीकरी समेत दिल्ली के बॉर्डर्स पर किसान तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ बीते 14 महीने से आंदोलन कर रहे थे। अब सरकार के फैसले के बाद किसान संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि हम तुरंत आंदोलन वापस नहीं लेंगे, बल्कि इन्हें संसद में वापस लेने का इंतजार करेंगे ओर एमएसपी पर गारंटी हो।

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