वैन (हेमन्त कुमार शर्मा - दिल्ली) :: भारतीय वैसे तो घूमने-फिरने के बहुत शौकीन होते हैं लेकिन पिछले लगभग एक साल उनके लिए बिलकुल नजरबन्द कैदियों जैसा गुजरा। जी हाँ, कोविड-19 के दौरान पूरी दुनिया ने जो पूर्णबंदी के दौरान वक्त गुजारा उसको वह याद भी नहीं रखना चाहेंगे। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस पूर्णबंदी को लोग एक बुरे सपने की तरह भूल जाना ही बेहतर समझेंगे। ऐसे में अब जब धीरे-धीरे सब-कुछ सामान्य होने लगा है तो लोग अपने घरों की बन्दी से अलग अपना वक्त कहीं खुले में गुजारना पसंद करेंगे। और ऐसे में यदि हम कहें कि आप देश से बाहर विदेश की सैर पर जा सकते हैं वो भी बिना वीज़ा और पासपोर्ट के, तो कहने ही क्या? आज हम बात करेंगे भारत की सीमा से लगे एक ऐसे देश की जहाँ जाने के लिए आपको पासपोर्ट की भी जरुरत नहीं पड़ेगी और वीज़ा तो रहा दूर की बात। जी हाँ, ये देश नेपाल, बांग्लादेश या श्रीलंका नहीं अपितु अपने-आप की एक अलग छटा लिए एक नयी वेशभूषा वाला देश भूटान है। अगर आप भी अपने शहर के प्रदूषण और जहरीली हवा से परेशान हो चुके हैं और कुछ दिन के लिए ही सही लेकिन शुद्ध हवा में सांस लेना चाहते हैं तो पहुंच जाइए भूटान क्योंकि यह इकलौती जगह है जहां धरती पर आपको सबसे शुद्ध हवा मिलेगी। इसकी वजह यह है कि हिमालय की पूर्वी-पर्वत श्रृखंला में बसा भूटान, दुनिया का पहला और एकमात्र कार्बन नेगेटिव देश है। बौद्ध धर्म भूटान के लोगों के जीवन जीने का तरीका है और यह देश जीडीपी, यानी ग्रॉस डोमेस्टिक प्रॉडक्ट की जगह जीएनएच, ग्रॉस नैशनल हैपीनेस पर जोर देता है। इस देश में पैसों से ज्यादा खुशियों को अहमियत दी जाती है।
भारतीयों को वीजा की जरूरत नहीं
हिमालय की प्राकृतिक खूबसूरती, शांति और सुकून देने वाली बुद्धिस्ट मोनैस्ट्रीज और हमेशा खुश रहने वाले लोग। यह सब भूटान की खासियत है, जिस वजह से टूरिस्ट भूटान घूमना पसंद करते हैं। भूटान घूमने आने वाले पश्चिमी देश के लोगों को 250 डॉलर प्रति दिन के हिसाब से टूरिस्ट टैक्स देना पड़ता है। हालांकि भारत के लोग लकी हैं जिन्हें भूटान जाने के लिए ना ही वीजा की जरूरत है ना ही उन्हें किसी तरह का अतिरिक्त टैक्स देना पड़ता है। ऐसे में अगर आप भी भूटान जाने का मन बना रहे हैं तो ट्रिप प्लान करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें।
भूटान जाने का बेस्ट टाइम
वैसे तो आप साल के किसी भी समय भूटान जा सकते हैं, लेकिन भूटान जाने का बेस्ट समय बसंत ऋतु में अप्रैल से जुलाई और शरद ऋतु में सितंबर से नवंबर के बीच है। इन महीनों में बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स भूटान आते हैं, क्योंकि इस दौरान भूटान में शेचू फेस्टिवल (Tsechu) जिसे फेस्टिवल ऑफ डांसेज भी कहते हैं का आयोजन होता है। वैसे लोग जो ट्रेकिंग में दिलचस्पी रखते हैं या फिर शांति की तलाश में जाना चाहते हैं उन्हें मार्च से मई महीने के बीच भूटान जाना चाहिए। वैसे आप चाहें तो मॉनसून के सीजन में जुलाई-अगस्त के दौरान भी भूटान जा सकते हैं क्योंकि यहां बारिश बहुत ज्यादा नहीं होती है।
डॉक्यूमेंट्स
भारत के नागरिकों को भूटान जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती और इसलिए आपको पासपोर्ट साथ रखना भी जरूर नहीं है। अपना वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी साथ रखने से काम चल जाएगा। भूटान का बॉर्डर पार करते वक्त एक एंट्री परमिट दिया जाता है। बावजूद इसके चूंकि आप दूसरे देश में यात्रा कर रहे हैं लिहाजा सुरक्षा के लिहाज से अपने सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स और आइडेंटिटी प्रूफ और उनके फोटो कॉपीज को साथ में रखें।
कैसे पहुंचें भूटान?
भारत से भूटान जाने के 3 रास्ते हैं, हवाई, सड़क और रेल मार्ग।
हवाई मार्ग
भूटान का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पारो में है जो भूटान की राजधानी थिंपू से 50 किलोमीटर दूर है और पारो से थिंपू पहुंचने में आपको डेढ़ घंटे का वक्त लग सकता है। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और बागडोगरा से सीधी फ्लाइट्स पारो के लिए जाती हैं लेकिन इनकी संख्या कम है। लिहाजा फ्लाइट शेड्यूल और फ्लाइट की उपलब्धता देखकर ही अपनी जाने और आने की ट्रिप प्लान करें।
सड़क मार्ग
सड़क मार्ग के जरिए पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी से भूटान के बॉर्डर फुएंतशोलिंग पहुंचने में 4 से 5 घंटे का वक्त लगता है। भूटान के बॉर्डर से राजधानी थिंपू पहुंचने में 5-6 घंटे का वक्त और लगता है और यह पूरा रास्ता पहाड़ों वाला है और बेहद खूबसूरत है। आप चाहें तो भूटान जाकर घूमने के लिए वहां के पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं या फिर किराए पर टैक्सी भी ले सकते हैं। हालांकि आप अपनी कार से भी भूटान जा सकते हैं जिसके लिए आपको भूटान के बॉर्डर पर परमिट लेने की जरूरत होगी।
रेल मार्ग
रेलमार्ग से भूटान जाने के लिए आपको पश्चिम बंगाल के अंतिम छोर जयगांव तक रेल से जाना होगा। जहाँ से आप भूटान में सड़क मार्ग द्वारा दाखिल हो सकते हैं। जयगांव पहुँचने के लिए सबसे पास का रेलवे स्टेशन है हाशिमारा। अगर आपको डायरेक्ट हाशिमारा की ट्रेन नहीं मिलती तो उस केस में आप सिलीगुड़ी या न्यू जलपाईगुड़ी भी आ सकते हैं, जहाँ से नियमित अंतराल पर आपको हाशिमारा के लिए ट्रेन मिल जायेगी। सिलीगुड़ी या न्यू जलपाईगुड़ी से आप सीधे टैक्सी बुक कर के भी हाशिमारा तक पहुँच सकते हैं। यह मार्ग आपको सड़क और हवाई यातायात की अपेक्षा कम लागत के खर्चे में आएगा।
करेंसी
वैसे तो भूटान की लोकल करंसी गलट्रम Ngultrum है जो भारतीय रुपये के बराबर ही है और भारत का रुपया भी भूटान में आसानी से चल जाता है। लिहाजा भूटान जाने से पहले आपको अपनी करंसी बदलवाने की जरूरत नहीं है। भूटान में कम ही जगहों पर कार्ड एक्सेप्ट किया जाता है लिहाजा अपने साथ कैश लेकर जरूर चलें।
कपड़े और जूते
भूटान का मौसम गर्मी का हो या फिर सर्दी का यहां एक ही दिन में अचानक तापमान में 10 से 15 डिग्री का अंतर आ जाता है लिहाजा गर्मी के मौसम में भी अपने साथ हल्के गर्म कपड़े जरूर रखें। गर्मी के मौसम में यहां दिन का तापमान 27 डिग्री के आसपास रहता है जबकि शाम में अगर बारिश हो जाए तो 12 डिग्री। लिहाजा शाम और रात की हल्की ठंड में पहनने के लिए अपने साथ हल्का जैकेट या स्वेटशर्ट जरूर रखें। भूटान में ट्रैवल करते वक्त आपको पहाड़ों पर, मोनैस्ट्रीज में और कई दूसरी जगहों पर काफी चलना पड़ता है। ऐसे में कंफर्टेबल जूते पहनें जिनसे पैरों को तकलीफ न हो।
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