वैन (दिल्ली ब्यूरो - 13.03.2023) :: आज वेब सीरीज एक प्रभावी माध्यम बन गया है । वेब सीरीज/ओ.टी.टी.पर किसी प्रकार की सेन्सरशिप लागू नहीं की गई है। सरकार को वेब सीरीज पर नियंत्रण रखना चाहिए। वेब सीरीज सहित वाहिनियों पर दिखाए जाने वाले धारावाहिक, कार्यक्रम आदि के लिए भी सेन्सर बोर्ड लागू किया जाए, ऐसी मांग सेन्सर बोर्ड के भूतपूर्व सदस्य सतीश कल्याणकर ने की। वे हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित ऑनलाइन विशेष संवाद ‘ओ.टी.टी. की वेब सीरीज अथवा अश्लीलता का माध्यम?’ इस विषय पर बोल रहे थे।
सतीश कल्याणकर ने आगे कहा, ‘सेन्सर बोर्ड पर पहले से ही योग्य और जानकार व्यक्तियों की नियुक्ति नहीं की गई है। देश, समाज, संस्कृति के प्रति अपना क्या उत्तरदायित्व है, इससे संबंधित कानून क्या सेन्सर बोर्ड में नियुक्त लोग जानते हैं? मैंने इससे पूर्व ही केंद्र सरकार से इस संबंध में पत्र व्यवहार किया है। सेन्सर बोर्ड में नियुक्त किए गए व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने का प्रावधान होते हुए भी उन्हें किसी प्रकार का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता, यह धक्कादायक है। सेन्सर बोर्ड के प्रशिक्षण में उत्तीर्ण होने वालों को वहां काम करने की अनुमति दी जाए।’
‘भारत वॉइस’ की संस्थापिका गायत्री एन. ने कहा, ‘फिल्मों के लिए सेन्सर बोर्ड है; परंतु वेबसीरीज/ओ.टी.टी. के लिए यह लागू हुआ दिखाई नहीं देता। वेब सीरीज के संवादों में असभ्य भाषा, दिखाई जानेवाली हिंसा आदि देखकर भारत और विदेश के बच्चे भी उसका अनुकरण कर रहे हैं। यह रुकना चाहिए।
'हिन्दू जनजागृति समिति की प्रवक्ता एडवोकेट अमिता सचदेवा ने कहा, ‘आज वेब सीरीज में हिंसा को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। वेब सीरीज में हिन्दू धर्म, देश की सेना आदि के संबंध में अनुचित चित्रण दिखाया जाता है, इसके लिए सेन्सर बोर्ड नहीं है । इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृति समिति गत कुछ वर्षाें से न्यायालयीन संघर्ष कर रही है । वेब सीरीज के संबंध में सरकार जब तक ठोस कदम नहीं उठाती, तब तक यह संघर्ष चलता ही रहेगा।’
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