शू-डिजाइनिंग से फिल्म इंडस्ट्रीज़ तक - देवकी नन्दन सोन

- फिल्म 83 में दिखेगा आगरा के जूतों का जलवा

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश - 22.12.2021) :: शू डिजाइनर देवकी नन्दन सोन के पिता बाबू रामस्वरूप सोन को जब अपने जूता कारखाने में निरन्तर घाटा हुआ तो वह हिम्मत हारकर बच्चों की पढाई बन्द कराने को मजबूर हो गये तब देवकी नन्दन सोन कक्षा-9 की पढाई कर रहे थे उन्होंने पढाई बन्द कर 2 रूपये रोज पर जूते की पैंकिंग करने पर लगना पडा। एक वर्ष बाद उनकी निगाह एक अखवार में सैण्ट्रल फुटवीयर ट्रेनिंग सेंटर (अब सी० एफ० टी० आई०) के एक विज्ञापन पर पडी जिसमें शू डिजायनिंग की ट्रेनिंग लेने पर 75 रूपये महीने प्रोत्साहन के रूप में ट्रेनीज को मिलने थे। तब देवकी नन्दन सोन की आँखों में चमक आ गयी कि यह तो आम के आम गुठलियों के दाम वाली बात सच हो गयी मतलब कि शू डिजायनिंग की ट्रेनिंग के साथ ढाई रूपये रोजाना के हिसाब से पैसे भी मिलेंगे।

यह बात 1 अक्टूबर 1971 की है जिस दिन देवकी नन्दन सोन के पिता अपने बेटे के धूमिल होते भविष्य में एक नया सवेरा होते देख रहे थे वह मन ही मन दुखी रहते थे कि बेटा बडा हो रहा है कोई पूछेगा कि बेटा क्या करता है तो क्या कहूँगा लेकिन अब उन्हें देवकी नन्दन सोन का भविष्य उज्जवल नजर आने लगा था।

अक्टूबर 1972 में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद देवकी नन्दन सोन ने 10 वर्षों तक एक्सपोर्ट फैक्टरियों में डिजायनिंग कर नाम कमाया फिर 1983 में जूता निर्माण की अपनी कम्पनी शू कॉन के नाम से प्रारम्भ की इस दौरान उनकी उत्कर्ष शू डिजायनिंग तथा आरामदेय दस्तकारी के लिए दर्जनों बार सम्मानित किया गया।

इस दौरान उन्होंने बाटा इण्डिया, बाटा बैस्टइण्डीज तथा यूरोप के अनेकों देशों में अपने शू सप्लाई किये। इनके द्वारा पूर्णतः हस्त निर्मित मुगल शैली के तथा 5 फलों की हूबहू आकति वाले लेडिज शूज तथा वर्फ पर फिसलने से लेकर हवाई कुदान के लिए जेन्टस शूज और लेक्मे फैशन वीक के लिए भी जूतों का निर्माण किया साथ ही 1985 में क्रिकेट सम्म्राट सुनील गावस्कर के सनी ब्राण्ड के जूते बनाकर शौहरत पायी।

सोन के द्वारा बनाये जूतों को विश्वभर में फैशन के लिए मशहूर इटली की ए०आर०एस० कैटलॉग में भी स्थान मिला । अनेको समाचार पत्रों के साथ द वीक, दलित मिलेनियम, कौडी से करोडपति, दलित इण्टर प्योनियर्स जैसी पुस्तकों तथा अनेकों टी०वी० चैनलों पर चर्चा में भाग लिया वह देश विदेशों में भी अपने जूतों की प्रदर्शनी लगा चुके हैं। वह जिला उद्योग केन्द्र आगरा से "मास्टर काफ्टस मैन" घोषित हैं वह सैकड़ों बेरोजगारों को जूता निर्माण का प्रशिक्षण दे चुके हैं।

भारत सरकार द्वारा 1998 में देवकी नन्दन सोन के जीवन पर प्रख्यात फिल्म निदेशक कबीर खॉन से "ए नेशन सेलिब्रेट" डाक्यूमेंट्री फिल्म बनवायी जिसे अनेकों देशों के मैट्रो चेनल पर प्रदर्शित किया गया आज भी इस फिल्म को यू ट्यूब पर देखा जा सकता है।

"सी०एफ०टी०आई०” द्वारा 2020 में उन्हें अपने सर्वश्रेष्ट छात्र के रूप में "सी०एफ०टी०आई०" के गौरव अवार्ड से सम्मानित किया गया था।

देवकी नन्दन सोन का नाम केवल शू डिजायनिंग में ही नहीं आगरा के सामाजिक कार्यकर्ताओं में भी शुमार किया जाता है । सोन को शू डिजायनिंग तथा रचनात्मक सामाजिक कार्यों के लिए अनेकों सम्मान मिले हैं।

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