देश को बेहतरीन खिलाड़ी देने वाली पीटीआई आज तरस रहे है रोजगार के लिए - भूप सिंह

वैन (हरियाणा ब्यूरो, भिवानी - 16.05.2023) :: स्कूली स्तर देश के लिए बेहतरीन खिलाड़ी तैयार करने वाले पीटीआई आज अपने ही रोजगार की मांग को लेकर पिछले 35 माह से सडक़ों पर बैठने को मजबूर है, लेकिन प्रदेश सरकार बर्खास्त पीटीआई की बहाली की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है, जिससे बर्खास्त पीटीआई का गुस्सा दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है तथा वे अब सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूढ़ में है। यह बात स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआई को संबोधित करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक एसोसिएशन के जिला उपप्रधान भूप सिंह डीपीई ने कही। बहाली की मांग को लेकरर जारी बर्खास्त पीटीआई का धरना मंगलवार को 1066वें दिन भी जारी रहा। धरने को संबोधित करते हुए भूप सिंह डीपीई ने कहा कि पीटीआई ने स्कूली स्तर खिलाडिय़ों को तैयार किया, जिन्होंने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का नाम विश्व पटल तक चमकाया, उसके बावजूद भी पीटीआई को बर्खास्तगी का तोहफा दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पीटीआई को बर्खास्त कर ना केवल बर्खास्त पीटीआई के परिवारों को भूखा मारने का काम किया है, बल्कि स्कूली स्तर के खिलाडिय़ों का भविष्य अंधकार में धकेल कर उनके साथ भी अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले भाजपा ने लोगों बड़े-बड़े सपने दिखाकर अपने जाल में फांस लिया तथा अब अपनी तानाशाही का रवैया अपनाकर लोगों का जीना मुहाल कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो बढ़़ती महंगाई और दूसरी तरफ बेरोजगारी बर्खास्त पीटीआई को रोजाना मौत के मुंह में धकेल रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुखिया को बर्खास्त पीटीआई से किया हुआ वायदा निभाना चाहिए तथ उनकी बहाली करनी चाहिए। मंगलवार को क्रमिक अनशन पर मदनलाल सरोहा, दिलबाग जांगड़ा, सुरेंद्र सिंह व राजपाल यादव रहे। इस अवसर पर मा. शेर सिंह, कामरेड ओमप्रकाश, कमल प्रधान, हसला पूर्व प्रधान दिलबाग ग्रेवाल, नरेंद्र श्योकंद, मदनलाल, संतोष देशवाल, पूनम रानी, सुनीता देवी, उपसना, दिलबाग सिंह, महाबीर सिंह, पूलचंद, आजाद सिवाच, गजे सिंह खरकिया, मा. शेर सिंह, मंगत राम, प्रताप सिंह सिंहमार, रामफल देशवाल, नरेंद्र सिंह, महाबीर सिंह धनाना, विजयपाल सिह, वेदपाल सिंह ढि़ल्लो, सुरेश कुमार गोयल, जसवीर फौगाट दादरी, उदय सिंह दादरी सहित अनेक पीटीआई मौजूद रहे।

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