सदियों से विकास की राह देखता आगरा का यह नगर निगम वार्ड

वैन (सुनील अरोड़ा - आगरा, उत्तर प्रदेश - 19.06.2024) :: नगर निगम के वार्ड 77 के शमशाबाद रोड स्थित चमरौली गांव के लोग पिछले 20 से 22 वर्षों से विकास की राह देख रहे है। सड़के क्षतिग्रस्त है। पता ही नही चलता कि सड़क में गड्ढे है या गड्ढों में सड़क। ग्रामीणों ने बताया कि 20 से 22 वर्षों से यहां परिक्रमा मार्ग की मुख्य सड़के गांव की गलियां, नालियां नही बनी है। बता दे कि पहले चमरौली गांव प्रधानी के अंर्तगत आता था। अब एक वर्ष पूर्व नगर निगम के अंतर्गत आ रहा है। गांव निवासी रिटायर्ड बैंक कर्मी कोमल सिंह कहना है कि पिछले कई वर्षों से इस क्षेत्र में विकास कार्य नही हुए है। बता दे कि चमरौली गांव की आबादी लगभग 15 हजार से ऊपर है। 7000 मतदाता है।

कोमल सिंह जी, राधे पहलवान ने बताया कि 17 वर्ष पूर्व यहां सीवर लाइन डाली गई थी। ठेकेदार सीवर डालने के लिए सड़के खोद कर चले गए। उसके बाद से यहां नारकीय हालात है। बारिश के दिनों में यहां सड़के ओर गांव की अंदरुनी गलियां तालाब बन जाती है। सीवर ओर नालियां का गंदा पानी सड़कों और गलियों में बहता रहता है। चमरौली गांव के निवासियों में जनप्रतिनिधियों को लेकर भी आक्रोश है। उनका कहना है कि सांसद, पूर्व ओर वर्तमान विधायक और जिम्मेदार अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत की, लेकिन आज तक इस क्षेत्र में कोई विकास कार्य नही हुआ। इस क्षेत्र में दो स्कूल है एक प्राइवेट ओर एक सरकारी। दोनों ही स्कूलों की मुख्य सड़क ऊबड़खाबड़ होने से कई बार महिलाएं, स्कूली छात्र, बुजुर्ग गिरकर चोटिल हो जाते है। चमरौली गांव से 125 फूटा रोड को जोड़ने वाला एडीए का 60 फूटा रोड भी जर्जर हालत में है। नालियों का गंदा पानी सड़को पर भरा रहता है। ग्रामीणों के मुताबिक इस रोड को एडीए ने बनवाना था। जो इतने वर्षों के बाद भी अभी तक बना।

ग्रामीणों ने बताया कि गांव में दो पोखर है। पूरे गांव का गंदा पानी इसमें जाता है। ऊपर तक सिल्ट भरी हुई है, झाड़ियां तक उग गई है। कई वर्षों से इसकी सफाई नही होने के चलते तालाब का पानी सड़कों पर बह रहा है। बारिश के दिनों में नारकीय हालात हो जाते है। *पार्षद दीपक वर्मा* ने बताया कि गांव में विकास को लेकर अधिकारियों, महापौर को कई बार लिखित में अवगत कराया है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी सुनवाई नही कर रहे है। वह कई बार ग्रामीणों के साथ महापौर से मिलकर उन्हें अपनी व्यथा बताई है। अब देखना ये है कि जनप्रतितिधि ओर जिम्मेदार अधिकारी इस क्षेत्र में कब तक विकास करवाते है।

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