जिलाधिकारी ने गांधी जयंती के अवसर पर कलेक्ट्रेट में ग्राम प्रधानों को किया सम्मानित

- आगरा में 14 ब्लॉकों की 27 ग्राम पंचायतें हुई टीबी मुक्त

- टीबी मुक्त पंचायत अभियान में ग्राम प्रधान की भूमिका अहम

- टीबी मुक्त आगरा की ओर तेजी से बढ़ रहे कदम

वैन (सुनील अरोड़ा - आगरा, उत्तर प्रदेश - 03.10.2024) :: देश को 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस दिशा में आगरा तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है। टीबी मुक्त आगरा की दिशा में जनपद के 14 ब्लॉकों की 27 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। बुधवार को गांधी जयंती के अवसर पर कलैक्ट्रेट में जिलाधिकारी अरविन्द मल्लपा बंगारी ने टीबी मुक्त हुईं ग्राम पंचायतों के प्रधानों को प्रशस्ति पत्र और महात्मा गांधी की मूर्ति देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी तथा अन्य उपस्थित व्यक्तियो द्वारा महात्मा गाँधीजी के चित्र पर माल्यार्पण करके किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि टीबी मुक्त पंचायत अभियान में ग्राम प्रधानों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे अपने क्षेत्र में टीबी के बारे में जागरूकता फैलाने में मदद कर सकते हैं और लोगों को इसके लक्षणों और उपचार के बारे में जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा, ग्राम प्रधान टीबी मरीजों की देखभाल और समर्थन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ग्राम प्रधान के सम्मान से अन्य जनप्रतिनिधि टीबी मुक्ति के अभियान में भागीदार बनेंगे। सम्मानित प्रधान दूसरे गांव के प्रधान से जब अपने अनुभव साझा करेंगे तो इसका लाभ पूरे राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को मिलेगा। यदि आपको दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी आ रही है या बुखार की समस्या है, बलगम में खून आता है, भूख कम लगती और वजन तेजी से कम हो रहा है, रात में पसीना आता, गले में कोई गांठ (लिम्फनोड) है, महिलाओं में बांझपन की समस्या हैं तो यह टीबी के लक्षण हो सकते हैं। यह लक्षण होने पर नजदीकी टीबी यूनिट, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी जांच कराएं। जनपद में टीबी का जांच व उपचार की सुविधा उपलब्ध हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री जी ने भारत को 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य दिया है। इसके लिए जरूरी है कि प्रत्येक जिला टीबी मुक्त हो। इस दिशा में आगरा ने तेजी से प्रगति की है। वर्ष 2023 में जनपद के 14 ब्लॉकों की 27 ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो गई हैं। अब जिले के अन्य भागों में जिला क्षय रोग केंद्र की टीम काम कर रही हैं। डॉ. सुखेश गुप्ता ने बताया कि अछनेरा ब्लॉक के ग्राम गोबरा, भडीरी, तिरीपूरी और बस्तई टीबी मुक्त हो चुके हैं। वहीं फतेहपुर सीकरी ब्लॉक के ग्राम सरसा, जगनेर ब्लॉक का ग्राम वाघोर, खेरागढ़ ब्लॉक के ग्राम विधौली, विश्रामपुर, गौरू टीबी मुक्त घोषित किए जा चुके हैं। सैंया ब्लॉक के ग्राम महेदेवा, खंदौली के बैलोठ, एत्मादपुर के विरूनी और सहफुद्दीनपुर, जैतपुर कलां के करनपुरा, गढ़ी बरौली, नाहटौली, महुआशाला, ब्लॉक बरौली अहीर के मियांपुर, अकोला के बसैया रामबल, अकवाई टीबी मुक्त हो गए हैं। वहीं, शमसाबाद ब्लॉक के लखुरानी, मुटनई, ब्लॉक पिनाहट के बसई भदौरिया, बघरैना, फतेहाबाद के बगेना और बाह ब्लॉक के क्वारी, रूदमुली और तरासो ग्राम को टीबी मुक्त घोषित किया जा चुका है। सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए डीटीओ ने निक्षय पोषण योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि टीबी मरीजों को उपचार के दौरान हर माह डीबीटी के माध्यम से दी जाने वाली 500 रुपये की राशि खाते में पहुंचने का प्रावधान है। जिससे मरीज का पोषण स्तर ठीक रहे और वह जल्दी स्वस्थ हो जाए इसी क्रम में निक्षय मित्र द्वारा पोषण पोटली वितरण और टीबी मरीजों को भावनात्मक सहयोग देने पर भी चर्चा की गई । टीबी मुक्त अभियान में ग्राम प्रधानों की भूमिका अहम है। मुझे आशा है कि सभी ग्राम प्रधान डीटीसी का सहयोग करके अपनी अपनी ग्राम पंचायत को टीबी मुक्त बनाएंगे।

ये है टीबी के लक्षण:-

- दो सप्ताह से अधिक खाँसी
-दो सप्ताह से अधिक बुखार
-बलगम में खून आना
-भूख में कमी
-वजन का कम होना
-रात में पसीना आना
-गले में गांठ (लिम्फनोड)
-महिलाओं में बांझपन की समस्या इत्यादि ।

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