कुलपति डॉ. विनय पाठक मामले में यूपी STF ने की एक और गिरफ्तारी

वैन (पंकज यादव - कानपुर, उत्तर प्रदेश - 08.11.2022) :: कानपुर के CSJMU के कुलपति डॉ. विनय पाठक मामले में यूपी STF ने रविवार को एक और गिरफ्तारी की। STF ने विनय पाठक के कमीशन की रकम को मैनेज करने वाले अजय जैन को गिरफ्तार किया है। अजय इंटरनेशनल बिजनेस फर्म अलवर (राजस्थान) का मालिक है।

आरोपी की कंपनी के खाते में कमीशन के 73 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए थे। इससे पहले पाठक के करीबी अजय मिश्रा को STF गिरफ्तार कर चुकी है। STF ने इस मामले में कूट रचित दस्तावेज तैयार किए जाने की धाराएं बढ़ाई है।

पूछताछ के लिए दी गई थी नोटिस

STF के मुताबिक, आरोपी अजय जैन को कुलपति डॉ. विनय पाठक के कमीशन के रुपए मैनेज करने के लिए फर्जी बिल और ई-वे बिल जारी करने के संबंध में पूछताछ के लिए नोटिस दी गई थी। आरोपी से पूछताछ की गई, तो वह जवाब नहीं दे पाया। आरोपी ने कई दस्तावेज दिखाए। छानबीन में पता चला कि अजय जैन की कंपनी रजिस्टर्ड है। बावजूद इसके अजय ने भ्रष्टाचार संबंधित रुपयों का लेन-देन किया। इसके बाद फर्जी बिल तैयार कर उन रुपयों का प्रबंधन किया।

आरोपी ने फर्जीवाड़े की बात कबूली

पूछताछ में आरोपी अजय ने फर्जीवाड़े की बात कबूल कर ली। इसके बाद रविवार देर रात पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। मुकदमे में पुलिस ने अजय जैन का नाम बढ़ाया है। इसके अलावा विनय पाठक, अजय मिश्रा और अजय जैन के खिलाफ साजिश, कूटरचना व धोखाधड़ी समेत अन्य धाराएं भी बढ़ाई हैं। STF का कहना है कि भ्रष्टाचार में कई अन्य की संलिप्तता उजागर होगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर यूनिवर्सिटी कर्मचारियों से भी होंगी पूछताछ

कानपुर में छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक के खिलाफ दर्ज मुकदमे की जांच कर रही एसटीएफ के घेरे में अब विवि. भी आ गया है। कुछ कर्मचारियों, शिक्षकों की सूची तैयार की गई, जिनसे पूछताछ संभव है।

एसटीएफ ने कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन करके शहर छोड़कर जाने पर रोक लगा दी है। शुक्रवार को विवि में एसटीएफ के आने की भी चर्चा रही। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई। वहीं, कर्मचारी, अधिकारी भी अपनी फाइलें दुरुस्त करने में जुटे हैं।

10 नवंबर को सुनवाई करेगी हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच

प्रोफेसर विनय पाठक के वकील ने कोर्ट से नए फैक्ट के साथ एफिडेविट दाखिल करने के लिए 2 और दिन का समय मांगा है। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दोनों पक्षों को अंतिम बार एफिडेविट दाखिल करने के लिए 7 नवंबर तक का समय दिया है। अब 10 नवंबर को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस राजेश चौहान और विवेक सिंह की बेंच मामले की अगली सुनवाई करेगी।

ये है पूरा मामला

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक के खिलाफ इंदिरानगर थाने में डा. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा में कुलपति के पद पर रहते हुए लाखों रुपये कमीशन लेने की FIR दर्ज की गई है। इस प्रकरण की जांच STF को स्थानांतरित कर दी गई थी। STF ने पाठक के करीबी आरोपित अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उधर, विनय पाठक ने हाईकोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की याचिका दी है, जिस पर 10 नवंबर को सुनवाई होनी है

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