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वैन (अलीमुद्दीन - कन्नौज, उत्तर प्रदेश) :: शिवरात्रि के दिन उत्तर प्रदेश के कंन्नौज में एक ऐसा मंदिर देखने में आया जहां इस दिन बच्चे-बड़े सभी लोग जुआ खेलते हैं। यहां जुआ खेलते हुए बच्चों को किसी का डर नहीं होता। पुलिस के सामने यह बिना किसी डर के बेख़ौफ़ जुआ खेलते हैं और पुलिस इन्हें पकड़ती भी नही है। ये है उत्तर प्रदेश के कन्नौज स्थित तिर्वा का बाबा दौलेस्वर मंदिर। जहां बड़ी दूर-दूर से भक्तगण पूजा अर्चना करने पहुचते हैं। कंन्नौज जनपद के तिर्वा तहसील में श्री दौलेस्वर धाम तीर्थ स्थल की पूजा-अर्चना करने के लिए भक्तगण उत्तर प्रदेश के कई जनपदों से पहुचते हैं और बाबा भोलेनाथ की पूजा कर उनकी लाट पर दूध चढ़ाकर मन्नत मांगते हैं। हजारों की तादाद में भक्तगण दौलेस्वर धाम तिर्वा में सुबह से ही पहुचने लगते हैं। दर्शन के लिए लम्बी लाइन लग जाती है। दौलेस्वर धाम में एक बड़ा मेला भी लगता है जिसमे बाबा के दर्शन करने आये भक्तगण खरीदारी भी करते हैं। इसी मेले में यह लोग खुलेआम लोग जुआ भी खेलते हैं। जुआ खेल रहे बच्चों से जब जुआ खेलने का कारण पूछा गया तो एक बच्चे ने बिना किसी खौफ के बताया कि यह त्यौहार साल में एक बार आता है। यह जुआ तो है लेकिन आज के दिन छूट होती है। पुलिस भी नही पकड़ती है। बहुत लोग खेलते हैं। 6 अंकों के खेल में सभी अंकों में पैसे रखो जो फ़स जाये फिर आपको एक के चार, कहीं एक के पांच मिलेंगे। बाबा दौलेस्वर का मंदिर यहां भी श्रद्धा भाव से गाँव-गाँव से लोग आते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं। कावड़िये गंगा जी जाते हैं, वहां से जल लाकर यहाँ चढ़ाते हैं। महिलायें भी पूजा-अर्चना बड़े भाव से करती हैं, उनकी मन्नतें भी पूरी होती हैं। यह सिद्धपीठ मंदिर है, यहां जो भी मुराद मांगता है वह पूरी होती है। लेकिन एक प्रथा बहुत गलत है गाँव-देहातों से बच्चे आते हैं और प्रथा से जो यहां खेलते हैं। गुपिया पैसा ताश से खेलते हैं। पुलिस के सामने भी खेलते हैं, जो प्रथा है वह अच्छी नहीं है। मगर फिर भी लोग खेलते हैं। पुलिस कुछ नहीं कहती। यह गांधी प्रथा है, इसको बंद होना चाहिये। पढाई की उम्र में बच्चे जुआ खेलते हैं। यह अच्छी प्रथा नही है। माँ-बाप को मना करना चाहिये, जो उम्र बच्चों की है इस उम्र में यह सब ना करें तो इनके भविष्य के लिये अच्छा होगा।
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