नाबालिग बच्चों को पुलिस ने भेजा जेल - कन्नौज

वैन (कन्नौज ब्यूरो - अलीमुद्दीन) :: सूबे की सत्ता संभालते ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने UP पुलिस को आमजन से अच्छा बर्ताव करने की नसीहत दी हो और पुलिस को कानून व मानवाधिकार का पूर्णतः पालन करने व जनता में पुलिस के बर्बर व्यवहार की आम धारणा को खत्म करने की नसीहतें दी हो लेकिन कन्नौज पुलिस अपनी दमनकारी कार्यप्रणाली से योगी सरकार की मंशा को पलीता लगाती नजर आ रही है और सत्ताधारी को बचाने के लिए दो नाबालिग बच्चों को संगीन धाराओं में मुजरिम बना दिया और मुख्य आरोपी हिन्दू युवा वाहिनी के नेता को FIR दर्ज होने के बावजूद कानून को ठेंगा दिखाने के लिए खुला छोड़ रखा है। पुलिस की इस कार्यवाही से लोगों में खासा गुस्सा है। दरअसल ये मामला कन्नौज कोतवाली के कोर्ट कैम्पस स्थित छह बीघा के एक बाग के ठेकेदार अनुज गुप्ता से सीधे सीधे जुड़ा है । अनुज गुप्ता जनपद का कद्दावर सत्ताधारी नेता है और हिन्दू युवा वाहिनी का जिला उपाध्यक्ष भी है । अनुज गुप्ता ने जिला कोर्ट कम्पाउंड स्थित छह बीघा में लगे बाग के रखरखाव का ठेका लिया था । विगत 16 मई 2018 को बाग में खड़े आम व अमरूद के दर्जन भर पेड़ लकड़ी माफियाओं ने काट लिए जिसकी अति सुरक्षा वाले कोर्ट कम्पाउंड में वहां के सुरक्षाकर्मियों को भनक तक न लगी । हरे पेड़ों को काट जाने की सूचना न्यायालय के जज के निर्देश पर वहाँ के कर्मचारी ऋषिपाल ने 17 मई को कोतवाली कन्नौज पुलिस को दी । कोतवाली पुलिस ने मामला ज्यूडिशियल से जुड़ा होने के चलते तुरन्त FIR दर्ज कर ली , इस FIR में अनुज गुप्ता को तहरीर के आधार पर बाग का ठेकेदार होने और उसके द्वारा ही अपने गुर्गों से हरे पेड़ कटवाकर लकड़ी की स्मगलिंग करने के आरोप में मुख्य आरोपी बनाया गया , उसके अलावा दो अन्य अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया । अब कोतवाली पुलिस का खेल शुरू हुआ । कन्नौज सदर कोतवाली पुलिस ने हिन्दू युवा वाहिनी के नेता जिला उपाध्यक्ष को खुला घूमने दिया और उसे बचाने के लिए जल्दबाजी में कोतवाली क्षेत्र के ही अलियापुर के निवासी हरिराम वर्मा के 13 साल के नाबालिग पुत्र दीपू वर्मा व रामसेवक वर्मा के 16 साल नाबालिग पुत्र घनश्याम वर्मा को घर से पूछताछ के बहाने उठा लिया । बच्चों को घर से उठाकर पुलिस ने कोतवाली के पास ग्वाल मैदान से गिरफ्तारी भी दिखा दी और और खुद की पीठ थपथपाने के लिए दोनों नाबालिगों का बेहद संगीन धाराओं - 379 ,435, वन्य अधिनियम की दफा 04, 10 व पब्लिक प्रापर्टी डैमेज प्रिवेंशन की धारा 03 , धारा 04 में कोर्ट में पेश कर दिया। कोर्ट ने बच्चों की उम्र को देखते हुए उन्हें संगीन धाराओं के होने से फर्रुखाबाद जनपद के बाल सुधार गृह भेजने का आदेश दिया। इधर बच्चों के माता पिता स्थानीय लोगों के साथ कोतवाली पहुंचे तो वो सब सन्न रह गए जब उन्हें पता चला कि उनके बच्चों को पुलिस ने इतने बड़े जुर्म में मुजरिम बना दिया। पुलिस की इस खराब कार्यशैली से परिजनों व लोगों में बहुत गुस्सा है । परिजनों सहित कई लोग SP ऑफिस पहुंचे ताकि आपबीती बता बड़े साहब से न्याय की गुहार लगा सकें लेकिन बेचारे दुखी परिजनों को बड़े साहब नहीं मिल सके। इस मामले में जब आलाधिकारियों से बात की गई तो कन्नौज के अपर पुलिस अधीक्षक केशव चन्द्र गोस्वामी मीडिया से रूबरू हुए लेकिन उनका भी तर्क सुनकर आप हैरान ही रह जाएंगे। हिन्दू युवा वाहिनी नेता व मुख्य आरोपी पर तो कुछ न बोले लेकिन नाबालिग बच्चों को स्वीकारते हुए ठीकरा कोर्ट पर ही फोड़ दिया । बोले जेल हम थोड़े ही भेजते हैं जेल तो माननीय न्यायालय भेजता है। अरे साहब निर्दोष नाबालिग बच्चों को इतनी बड़ी संख्या में हरे पेड़ काटने के जुर्म में आरोपी तो आपके ही खाकी अधीनस्थ करते हैं और असली गुनहगार को मुजरिम होने के बावजूद भी खुला आप ही के वर्दीधारी छोड़ते हैं।

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