आजाद भारत से आजतक हर सरकार को कर रहें हैं 110 वर्षीय बुजुर्ग रामप्रसाद शर्मा मतदान

- 110 साल की उम्र में 17वीं लोकसभा के लिए करेंगे मतदान

- बोले पहले नेता ईमानदार थे और बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से चुनाव लड़ा करते थे लेकिन आज के नेता शराब और नोट के बल पर चुनाव लड़ते हैं

- पहले गाड़ी पर भोंपू लगाकर प्रचार करते थे और अब सोशल साइट्स का जमाना आ गया है

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: अगस्त 1947 को भारत के स्वतंत्र होने के बाद 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का संविधान लागू हुआ। संविधान के लागू होने के बाद 1952 में भारत का पहला आम चुनाव सम्पन्न हुआ। तभी से लेकर आज तक देश पर अलग-अलग पार्टियों की सरकार काबिज रही हैं। यह वही सरकारें हैं जिनको हमारी जनता ने वोट देकर दिल्ली की गद्दी तक पहुंचाया। इसी जनता के बीच एक बुजुर्ग ऐसे हैं जो आजादी के बाद से लेकर अब तक चुनावों में मतदान करते आये हैं।

जी हां हम बात कर रहे हैं आगरा के थाना खंदौली के गांव सेमरा के रहने वाले लगभग 110 वर्षीय बुजुर्ग राम प्रसाद शर्मा की। राम प्रसाद शर्मा जो अंग्रेजो के समय से वोट डालते चले आ रहे हैं और अब एक बार फिर वो 2019 लोकसभा चुनाव के लिए वोट डालेंगे। उनके परिजन भी हर्षोल्लास के साथ उनके साथ इस बार मतदान करने की तैयारी कर रहे हैं।

आजादी के बाद 1949 में ग्राम पंचायतों का गठन हुआ था तब से लेकर अब तक के बीच रामप्रसाद शर्मा 36 बार सैमरा के निर्विरोध ग्राम प्रधान भी चुने गये।

वैन न्यूज़ एजेंसी से एक खास बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके समय की राजनीति में और अबकी राजनीति में काफी फर्क आया है। पहले नेता ईमानदार थे और बड़े-बुजुर्गों के आशीर्वाद से चुनाव लड़ा करते थे। आज के नेता शराब और नोट के बल पर चुनाव लड़ते हैं। पहले गाड़ी पर भोंपू लगाकर प्रचार करते थे और अब सोशल साइट्स का जमाना आ गया है। उनका कहना है कि उनकी नजर में मोदी सरकार बेहतर काम कर रही है और वह मोदी को ही वोट डालेंगे।

110 साल के बुजुर्ग रामप्रसाद के सबसे छोटे बेटे सतीश शर्मा जो 60 साल के हैं उनका कहना है कि अपने समय में उनके पिता ने जनता के लिए काफी कुछ किया है। यही कारण है कि आज भी उनकी ईमानदारी की मिसाल पूरे क्षेत्र में दी जाती है। जब भी कोई प्रत्याशी चुनाव लड़ता है तो उनके पिता का आशीर्वाद लेने गांव जरूर आता है। एक बार फिर से लोकसभा चुनाव आ चरम पर हैं। ऐसे में हम सपरिवार अपने पिता की इच्छा पूरी करते हुए परिवार सहित वोट डालने जाएंगे और अपने पिता को भी ले जायेंगे।

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