पराली ना जलाने के मुआवजे के रूप में 100 रुपया प्रति क्विन्टल निर्धारित; लेकिन मिलेगा कब?

व्यूज़ 24 (राजीव मेहता - यमुना नगर, हरियाणा) :: हरियाणा सरकार ने पराली ना जलाने के मुआवजे के रूप में 100 रुपया प्रति क्विन्टल देने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया। इसमें नॉन बासमती फसलों में छोटे और मझोले किसानों को मुआवजा देने की बात कही गई है। किसानों का कहना है कि यदि यह आदेश लागू होता है तो अच्छी बात है लेकिन अभी तक किसी को मुआवजा नहीं मिला है, इसीलिए किसान पराली जला रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार ने नॉन बासमती धान उगाने वाले छोटे और मंझोले किसानों को पराली ना जलाने की ऐवज में 100 प्रति किविंटल मुआवजे की बात कही है। वहीं अम्बाला की बुआना अनाज मंडी में धान की फसल लाने वाले किसानों ने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि यदि सरकार यह लागू करती है तो अच्छी बात है लेकिन अभी तक किसी को इस तरह का मुआवजा नहीं मिला है। किसानों का कहना है कि किसान मजबूरी में पराली जला रहे हैं। वैसे भी यदि किसान खेत मे खड़ी पराली की गांठे ना काटें तो उसको जलाने से प्रदूषण नहीं होता। किसानों का कहना है कि अबकी बार पहले पराली काट कर बंडल बनाकर खेत मे रखें, फिर बरसात ने उसे गीला करके उसके बिकने पर पानी फेर दिया जाए। इसमें 1500 क्विंटल का नुकसान हो गया और फिर भीगे बंडल उठवाने में 2 हज़ार क्विंटल का और नुकसान किसानों को झेलना पड़ा। किसानों का कहना है कि यदि सरकार यह आदेश लागू कर दे तो किसानों को फायदा होगा और वे पराली नही जलाएंगे ओर प्रदूषण से छुटकारा मिलेगा।

इस बारे में मंडी बोर्ड के चेयरमेन बलविंदर सिंह का कहना है कि अभी तक सरकार का गठन नहीं हुआ है। गठन के बाद यह आदेश लागू हो जाएगा जिससे किसानों को राहत मिलेगी।

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