योगी सरकार राशन डीलरों की कालाबाजारी रोकने में विफल

योगी सरकार चाह कितने भी नियम लागू करले लेकिन कालाबाजारी करने वालों पर अंकुश नहीं लग पा रहा हैं ,आपको बता दें कि बीती रात मथुरा जनपद में डायल 100 रात के समय गस्त के दौरान संदिग्ध दो गाड़ियों U.P. - 85 AT - 4703 लोडिंग बुलेरो गाड़ी राशनमाफ़ियाओं के माल को ठिकाने लगाने में लगी हुई थीं , थाना हाइवे के अंतर्गत सौंखरोड़ गाँव उसपार और नगला माना के नजदीक ट्रैक्टर से लोडिंग बुलेरो में सरकारी गेंहूँ की बदली हो रही थी , तभी अपनी ड्यूटी के समय 100 डायल पीआरवी 1900 को देख भागने लगे कुछ दूर पीछा कर पालीखेड़ा पर गाड़ी को पकड़ लिया दो गाड़ियों में लोड हो रहा था गेंहू फ़ोर्स के अभाव में एक गाड़ी मौके से भागने में सफल हो गई जो लोडर पकड़ी गई है उसमें करीब 40 बोरी सरकारी मौहर व सीलपैक गेहूं पाये गए ड्राइवर दशरथ उर्फ धांसू पुत्र गंगा नि. नगला माना से पूछ्ने पर गेहूं को राशनमाफ़िया लक्ष्मन का बताया ये भी बताया राष्ट्रीय राजमार्ग पर पहुंच कर मालिक फौन पर बताता कि ये माल कहाँ जाना है ? इन सिपाहियों ने नही किया अपने ईमान का सौदा *कॉoअजीत सिंह लौर और एच जी लख्खा सिंह द्वारा पकड़ी हुई गाड़ी को ड्राइवर व सरकारी गेंहूँ सहित थाना हाइवे में सुपुर्द कर दिया गया* सवालों का अंबार है पर जवाब किसी के पास नही आखिर किसके संरक्षण में हो रहा है कालाबाजारी का खेल आखिर कब तक पड़ती रहेगी गरीबों के हक़ पर डकैती सोचने वाली बात यह है कि सरकारी गेहूं माफियाओं को किसके सहयोग से होता होगा प्राप्त, ये गेहूं ट्रैक्टर में कहां से आया होगा , कालाबाजारी की करतूत सरकारी गौदाम की या राशन डीलर की इतने बड़े पैमाने से कालाबाजारी हो रही है और जिलापूर्ति अधिकारी क्यों बने बैठे हैं मूंक दर्शक, अब देखने वाली बात ये है कि प्रशासन इस माफिया के खिलाफ ऐसी क्या कार्यवाही करेगा जिससे कि कालाबाजारी करने वालों पर ऐसा कौन सा चाबुक चलेगा जिस पर अंकुश लग सके क्या जाएगा जो इस खेल में शामिल हैं या सिर्फ कार्यवाही के नाम पर होगी निमित्त मात्र लीपापोती और मूर्ख बनेगी पब्लिक अब देखिए आप क्या होगा जांच का पैमाना उपजिलाधिकारी जिलाधिकारी किस तरह से लेंगे एक्शन रिपोर्ट-: खजान सिंह

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