विद्यालय की फीस भरने के लिए सड़क पर मास्क बेचने को मजबूर हुए दो छात्र

- बकाया फीस जमा करने के लिए स्कूल बना रहा है दबाब

उत्तर प्रदेश (ब्रजकिशोर शर्मा) आगरा :: कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के चलते देश मे लॉकडाउन के चलते करीब तीन महीने बिना कामकाज के घर रहने के कारण लोगों के न सिर्फ रोजगार खत्म हुए बल्कि परिवार के भरण पोषण के लिए दो जून की रोटी के भी लाले पड़ गए हैं। ऐसे में भी कई स्कूलों संचालकों द्वारा बकाया फीस के लिए छात्र-छात्राओं के अभिभावकों पर दबाब बना रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला सामने आया है। गोपालपुरा में रहने वाला वेदप्रकाश फोटोग्राफी कर अपने परिवार का लालन-पालन करते है। वेदप्रकाश के तीन बेटे है। दो बेटे कक्षा आठ ओर चार में आगरा के केंद्रीय विद्यलाय में पढ़ते है। कोरोना महामारी के कारण देशभर में लागू किये गए लॉकडाउन से वेदप्रकाश का काम बंद हो गया। घर मे जो कुछ जमा पूंजी थी वो तीन महीने में खर्च हो गयी। इस दौरान बेटों के स्कूल से तीन महीने की बकाया फीस भरने के लिए फोन और मैसेज आने लगे, लेकिन वेदप्रकाश पर फीस भरने की बात तो दूर उस पर परिवार का पेट भरने का भी इंतजाम नही था।

इससे परेशान पिता और दोनों छात्रों ने ब्याज पर रुपये उधार लिए और उन पैसों से मास्क, हाथो के दस्ताने जैसे सामान खरीदकर लाये और बाजार में सड़क किनारे लगाकर बिक्री शुरू कर दी। अब ये दोनों सगे भाई सड़क पर आनेवाले लोगों को रोक-रोककर मास्क बेच रहे है जिससे इनकी स्कूल की फीस भर सके। जब कोई ग्राहक नही होता है तो ये अपनी पढ़ाई करते है।

छात्रों ने बताया कि कोरोना के कारण पिता का काम बंद हो गया है, स्कूल वाले फीस भरने के लिए दबाब बना रहे है जिसके कारण मास्क बेचने को मजबूर हुए है। इन दोनों मासूम भाइयो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से स्कूल की फीस माफ करने की गुहार की है।

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