सी एम की रैली में हुआ दलितों का अपमान - जननायक जनता पार्टी

व्यूज़ 24 (भगत तेवतिया - पलवल, हरियाणा) :: डबचिक ट्यूरिस्ट काम्प्लेक्स में रविवार को हुई हरियाणा के मुख्य मंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली में एक दलित नेता को नहीं बोलने देने पर दलित नेता रोने लगा और रैली में पैसे से बुलाई गई भीड़ को लेकर नेताओं के द्वारा प्रेस वार्ता की गई। जननायक जनता पार्टी (जजपा) के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री हर्ष कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी कृष्ण पाल गुर्जर द्वारा दलित नेता का अपमान करना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री की रैली में भाजपा का पैसे से भीड़ बुलाना पार्टी की छवि को साफ दर्शाता है कि आज पार्टी की छवि और लोक सभा प्रत्याशी की छवि कैसी है जो भीड़ बुलाई गई वह भी मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान ही चली गई और कुर्सियां खाली रह गई। इससे भाजपा खुद ही समझ ले कि उनको जनता कितना चाहती है? इस मौके पर जजपा के राष्टीय महासचिव व पूर्व मंत्री जगदीश नायर और प्रदेश प्रवक्ता अरविंद भारद्वाज और जिला अध्यक्ष तुहीराम भारद्वाज के साथ कई पार्षद मोके पर मौजूद रहे।

आज जजपा पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री हर्ष कुमार ने संवाददाता सम्मलेन के दौरान कहा कि जो रविवार को पलवल के गाँव औरंगाबाद में हरियाणा के मुख्यमंत्री की रैली हुई वह पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई है। हर्ष कुमार ने कहा कि इस रैली में भाजपा के दो-दो जिले के विधायकों की और लोकसभा के प्रत्याशी कृष्ण पाल गुर्जर की पोल खुल चुकी है कि जनता उनको कितना पसंद कर रही है? आज जनता ने भाजपा को नकार दिया है और रैली में सभी की पोल खुलकर सामने आ गई है। हर्ष कुमार ने कहा कि डा. भीमराव अम्बेडकर जयंती के अवसर पर एक समारोह के दौरान भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी द्वारा ही दलित समाज के नेता पूर्व विधायक रामरतन का अपमान करना अशोभनीय और निंदनीय है। वह इसकी घोर निंदा करते हैं क्योंकि जब दलित नेता को ही ऐसे मोके पर नहीं बोलने दिया तो इससे लगता है कि यह पार्टी दलित विरोधी है। जब दलित नेता के क्षेत्र में रैली हो और डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती हो उसमें दलित नेता को नहीं बोलने दिया गया तो वह फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने कहा कि इससे दलितों का भारी अपमान हुआ है। वह बोले कि दलित समाज के नेता को भरे मंच से इस प्रकार अपमानित करना पार्टी के लिए भी अपशकुन है। आयोजित जनसभा में मुख्यमंत्री का भाषण शुरु होते ही जनता कुर्सियों से उठनी शुरु हो गई थी। उन्होंने आयोजित जनसभा में दो-दो सौ रुपए में जनता बुलाई और महिलाओं को भी पैसे से रैली में भीड़ जुटाने के लिए बुलाया जाए तो इससे जाहिर होता है कि यहां के नेताओं में कितना दम है और भाजपा का कैसा जनाधार है? यह खुद मुख्यमंत्री समझ लें और लोकसभा प्रत्याशी समझ लें। उनके अनुसार प्रदेश की जनता का भाजपा से पूरी तरह मोह भंग हो चुका है, जब गरीब रो देता है तो पार्टी को जडमूल से खत्म कर देता है। अम्बेडकर जयंती के अवसर पर दलित नेता का अपमान करने से समाज में रोष व्याप्त है। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा पार्टी चुनाव चिन्ह से ही नेताओं का स्वागत करने के भाषण को भी अशोभनीय बताया और कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस प्रकार के शब्द बोलना शोभा नहीं देते। उन्होंने कहा कि जजपा के चप्पल और आप पार्टी के चुनाव चिन्ह झाडू से ही भाजपा का सफाया किया जाएगा। हर्षकुमार बोले कि जजपा का चुनाव चिन्ह चप्पल बेईमान, अहंकारी और भ्रष्ट नेताओं का इलाज और महिलाओंं का हथियार है।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए जजपा के राष्टीय महासचिव पूर्व मंत्री जगदीश नायर ने कहा कि भाजपा का सबका साथ सबका विकास का नारा केवल ढकोसला है। एक और भाजपा दलित हितैषी होने का दम भरती है, वहीं दूसरी और दलितों के साथ ही भेदभाव की राजनीति कर रही है। उन्होंने पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता रामरतन को लोकसभा प्रत्याशी द्वारा मंच से नहीं बोलने की घटना को निंदनीय बताया है। नायर ने कहा कि इस मामले में शीघ्र ही एक दलित महापंचायत का आयोजन किया जाएगा और इस पंचायत में दलित समाज के लोग जो फैसला लेगें उसी पर काम किया जाएगा। जगदीश नायर ने कहा कि चुनावों में दलित समाज के लोग भाजपा के नेताओं को सबक सीखने का काम करेगें साथ ही रुपए देकर भीड़ एकत्रित की जा सकती है, लेकिन सरकार नहीं बनाई जा सकती। अब भाजपा का जनाधार समाप्त होता जा रहा है।

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