अब भी जारी ट्रिपल तलाक, ना मानने की सजा - मौत

वैन (कन्नौज ब्यूरो - अलीमुद्दीन) :: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद तीन तलाक को लेकर आज भी महिलाओं का शोषण रूकने का नाम नही ले रहा है। महिलाओं को प्रताड़ित कर उन्हें जान से मारने तक की नौबत देखने को मिल रही है। ताजा मामला यूपी के कन्नौज का है जहां एक महिला को उसके पति ने फोन से तलाक कहते हुए उसको प्रताड़ित किया और जब महिला ने इस बात का विरोध किया तो उसको जान से मारने की नियत से मारपीट कर उस पर मिट्टी का तेल डालकर जिन्दा जलाकर मार डालने की कोशिश की। यूपी के कन्नौज का यह पूरा मामला है जहाॅ थाना गुरसहायगंज की रहने वाली महिला मशरूर को उसके क्रूर पति ने दहेज के लालच में बर्बरता पूर्वक अपने ही भाई के साथ मिलकर इतना पीटा कि उसकी पिटाई के निशान आज भी उसके शरीर पर कूरता और हैवानियत चीख-चीख कर खुद गवाही दे रहे है। महज एक बाइक, सोने की जंजीर व नकदी की मांग पूरी न होने पर पहले उसके लालची पति ने फोन पर तलाक बोल दिया कुछ दिन बाद घर आकर पहले बेरहमी से पीटा और फिर सरेआम घर के बाहर निकालकर तलाक-तलाक बोल दिया। जब बेबस और लाचार पीड़िता ने अपने भाइयों से मांगे गये रूपयों की गुजाइस न होने की बात रखी तो मिट्टी का तेल डालकर उसको जान से मारने की कोशिश की। किसी तरह पीड़िता अपनी जान बचाकर भागी और अपने मायके फोन पर घटना के बारे में अवगत कराया। कुछ ही समय में जब पीड़िता के भाई मौके पर पहुंचे तो दबंग किस्म के पति व ज्येठ ने उसको भी मारपीट कर धमकी देते हुए निकाल दिया। मौके पर भाई ने अपनी बहन की जान बचाने के लिए पुलिस की मदद के लिए 100 नम्बर डायल किया। पुलिस ने पहुंचकर पीड़िता की जान बचाई। पीड़िता के शरीर पर दिख रहे यह जख्म तीन तलाक की कुप्रथा को आज भी आदर्श मानने वाले पतियों की हैवानियत की दास्तान बयां कर रहे है। पीड़िता के हांथो में उसके ही यह कपड़े बता रहे है कि किस तरह कैरोसिन डालकर ससुरालीजनों द्वारा चन्द रूपयों के लालच में उसकी जान लेने की कोशिश की गयी। सुप्रीम कोर्ट भले ही मुस्लिम समाज में व्याप्त यह तीन तलाक को प्रतिबन्धित कर चुका है लेकिन आज भी सरकार मुस्लिम महिलाओं के उत्थान व शोषण व अत्याचार से मुक्त करने को की गयी पहल को तार-तार करते हुए दिख रहे है। फिलहाल अपने पति व ससुरालीजनों से अपनी जान बचाकर छुपती फिर रही पीड़िता व उसका भाई पुलिस व आलाधिकारियों की चैखट पर न्याय पाने को भटकर रही है कन्नौज पुलिस की पीड़ित महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता भी इस मामले में साफ-साफ नजर आ रही है। अपने ही सम्बन्धियों से जान के खतरे को देखते हुए पीड़िता के भाई व रिश्तेदार भी अपना चेहरा व पहचान छुपाकर दर-दर भटकने को मजबूर हो गये है। पीड़िता व उसके भाई के दर्द को सुनकर आप सहज ही अंदाजा लगा सकते है।

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