नाबालिग बेटी से बलात्कार के आरोपी पिता को आजीवन कारावास व 80 हजार का अर्थदंड

सजा के बारे में जानकारी देतीं स्पेशल डीजीसी अलका उपमन्यु।

वैन (राज ठाकुर राजावत - मथुरा, उत्तर प्रदेश - 18.07.2023) :: विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट माननीय जज रामकिशोर यादव की अदालत ने मंगलवार को नाबालिग बेटी से बलात्कार के आरोप में अभियुक्त पिता को आजीवन कारावास व 80 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।

इस केस की सरकार की ओर से पैरवी कर रहीं स्पेशल डीजीसी पोक्सो कोर्ट श्रीमती अलका उपमन्यु एडवोकेट ने बताया कि पीड़िता की माँ ने थाना फरह में 18 मई 2023 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें कहा गया था कि 17 मई 2023 को शाम करीब तीन बजे उसकी नाबालिग 10 वर्षीय बेटी को लेकर मेरा पति महेंद्र सिंह ने मोटर साइकिल पर बैठाकर हिंदुस्तान कॉलेज/गोवर्धन नाले के पास झाड़ी में ले जाकर बेटी के साथ बलात्कर की घटना को अंजाम दिया था। जब बेटी ने घर आकर घटना के बारे में बताया तो 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। पीड़िता की माँ की तहरीर पर थाना फरह पुलिस ने अभियुक्त पिता महेंद्र सिंह के विरुद्ध धारा 376 भारतीय दंड सहिंता व 5एम/6 पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया था, जिसकी अपराध संख्या 145/2023 है।

मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पोक्सो एक्ट रामकिशोर यादव ने सुनवाई करते हुए अभियुक्त महेन्द्र सिंह को धारा 377 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 10 वर्ष के कठोर कारावास एवं बीस हजार रुपये के अर्थ दण्ड, धारा-506 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 2 वर्ष के कठोर कारावास तथा दस हजार रूपये का अर्थदंड तथा पोक्सो अधिनियम 2012 की धारा-6 में अभियुक्त महेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास (शेष प्राकृत जीवनकाल के लिए) तथा पच्चास हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतेगा। अभियुक्त द्वारा जेल में बितायी गयी अवधि इस सजा में समायोजित की जाएगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी।

बडी बेटी ने भी लगाया था बलात्कार का आरोप

पूर्व में अभियुक्त महेंद्र सिंह पर बडी बेटी द्वारा भी बलात्कार का आरोप लगाया गया था। जिसमें मुकदमा भी दर्ज हुआ था। लेकिन बाद में पत्नी और बड़ी बेटी ने बयान बदल दिए थे, जिसके चलते यह बच गया था। अभियुक्त महेंद्र द्वारा कुछ दिनों बाद छोटी बेटी के साथ दुष्कर्म किया गया। जिसमें आज विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट रामकिशोर यादव द्वारा आजीवन कारावास व 80 हजार की अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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