शुगर मिल के बंद होने से परेशान किसानों का धरना फिर शुरू

वैन (भगत तेवतिया - पलवल, हरियाणा) :: पलवल में शुगर मिल बंद होने के कारण सैकड़ों की संख्या में किसानों ने मिल के गेट पर एक बार फिर से धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। किसानों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि 12 दिसंबर को शुगर मिल का उद्घाटन हुआ था। उसके बाद से ही मिल बंद पड़ी हुई है। मिल और खेतों में किसानों का गन्ना सूख रहा है। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

सहकारिता राज्य मंत्री डा. बनवारी लाल ने 12 दिसंबर को पलवल शुगर मिल के पिराई सत्र वर्ष 2019-2020 का शुभारंभ किया था। साथ ही शुगर मिल की पिराई क्षमता 1600 टीसीडी से बढाकर 1900 टीसीडी कर दी गई। जबकि अगले चरण में यह पिराई क्षमता 1900 टीसीडी से बढाकर 2200 टीसीडी करने का प्रावधान रखा गया। लेकिन पिराई क्षमता 1600 टीसीडी से लेकर 1900 टीसीडी के दौरान ही तकनीकी खामियों के चलते शुगर मिल बंद पड़ी है। शुगर मिल के बंद होने के कारण किसान परेशान है। किसानों ने बताया कि शुगर मिल के शुभारंभ के बाद मिल में गन्ना पहुंचाने के लिए पर्ची दी गई । किसानों ने बाहर से लेबर मंगवाकर गन्ने की कटाई शुरू कर दी। लेकिन शुगर मिल बंद होने की वजह से किसानों का गन्ना मिल व खेतों में सूखने लगा है। जिसके चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों ने बताया कि मिल बंद होने की वजह से अब लेबर भी वापिस जाने लगी है। गन्ने की फसल की कटाई में देरी के चलते किसान गेहूं की फसल की बिजाई भी नहीं कर पाए है। ऐसे में किसानों पर दोहरी मार पड़ रही है। उन्होंने कहा कि मिल प्रशासन की तरफ से किसानों को कोई सकारात्मक जबाब नहीं दिया गया है। जिसके चलते किसान एक बार फिर से धरने पर बैठ गए है। किसानों ने जल्द से जल्द शुगर मिल शुरू करने की मांग की है। किसानो का कहना है कि अगर जल्द ही शुगर मिल को सुचारु रूप से चालू करके किसानो का एक - एक गन्ना सरकार द्वारा नहीं खरीदा जाता है। तो उन्हें मजबूरन सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा। किसानो का आरोप है कि शुगर मिल की क्षमता बढाने के नाम पर मिल में घटिया मैटेरियल का प्रयोग किया गया है। जिसकी वजह से ही मिल बंद है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय सचिव रतन सिंह सौरोत ने कहा कि किसान देश का अन्नदाता है। जो दिन रात खेतों में खून पसीना बहाकर जनता के लिए अन्न पैदा करता है। अन्नदाता के साथ इतना दुर्वव्यवाहर नहीं करना चाहिए। करीब एक हफ्ते पहले भी किसान शुगर मिल बंद होने की समस्या को लेकर धरने पर बैठे थे। तब भी अधिकारियो द्वारा किसानो को आश्वाशन दिया गया था कि जल्द शुगर मिल को सुचारु रूप से चालू कर दिया। लेकिन उसके बावजूद आजतक मिल को सुचारु रूप से चालू नहीं किया। जिसके चलते किसानो का मजबूरन एक बार फिर से आज शुगर मिल के गेट के बाहर धरना पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। उन्होंने कहा कि आगामी 6 जनवरी को पलवल में कष्ट निवारण समिति की बैठक लेने के लिए सहकारिता राज्य मंत्री डा.बनवारी लाल दोबारा से पलवल आ रहा है। जिसके लिए किसानो द्वारा एक कमेटी भी बनाई जा रही है। उसी दौरान जिले के सैकड़ो किसान मंत्री जी से इसकी जवाबदेही मांगेंगे कि आखिर किन कारणों के चलते अब तक शुगर मिल क्यों नहीं चालू हो पाई है।

वहीं पलवल से विधायक दीपक मंगला ने कहा कि शुगर मिल बंध होने की समस्या को लेकर कुछ किसान उनसे आकर मिले थे। मिल की पिराई क्षमता को बढाने के दौरान तकनीकी खामियों के चलते मिल को बंद करना पड़ा है। जिसके लिए शाहबाद से चीफ इंजीनियर की टीम को बुला लिया गया। जोकि अपने काम में लगा हुआ है। जल्द ही शुगर मिल सुचारु रूप से शुरू हो जाएगी और किसानो की किसी तरह की कोई परेशानी ना हो उसके लिए किसानो के गन्ने को आज से रोहतक और महम की मिल के लिए जाना शुरू हो जाएगा। किसानो का एक - एक गन्ना सरकार द्वारा खरीदा जाएगा। वही किसानो के मिल अधिकारियो पर लगाए गए घोटाले के आरोपों पर दीपक मंगला ने कहा कि अगर किसी भी अधिकारी ने कोई घोटाला किया है। तो उस अधिकारी को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।

मिल के एमडी नरेश कुमार ने बताया कि मिल की पिराई क्षमता को बढाने के दौरान तकनीकी खामियों के चलते मिल को बंद करना पड़ा है। मिल की पिराई क्षमता बढाने के दौरान जो उपकरण लगाए गए है। उनकी प्लेसमेंट और डिजाईनिंग में भी कमी पाई गई है। उस कमी को दूर करने के लिए इंजीनियर को बुलाया गया है। जोकि अपने काम में लगे हुए है। जल्द मिल सुचारू रूप से शुरू हो जाएगी और जब मिल सुचारु रूप से चालू नहीं होती है। तब तक किसानो के गन्ने को रोहतक और महम की मिल में भेजा जाएगा। जिससे कि किसानो को किसी तरह की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। उसके लिए उन्होंने 5 लाख क्विंटल गन्ना वहां भेजने की मंजूरी भी उन्होंने ले ली है।

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