वैन (सुनील अरोरा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: आगरा जनपद के पूर्वी देहात क्षेत्र में ज्यादातर उप-स्वास्थ्य केंद्र में भूसे के साथ पशुओं का तबेला बना दिया गया है। लाखों रुपए की लागत से 7 साल पहले बनी इमारत ग्रामीणों के उपयोग में आ रही है। यहां ना कोई स्वास्थ्य कर्मी पहुंचता है और ना ही कोई डॉक्टर। ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए बनाए गए उप स्वास्थ्य केंद्र सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग का काम किसी का उपचार करना नहीं बल्कि सरकार के लाखों-करोडों रुपये बर्बाद करना ही रह गया है। क्या है मामला? मामला ब्लाक पिनाहट के गांव उटसाना एवं सबोरा मे बने उप-स्वास्थ्य केन्द्रो का है जो लाखों रुपये की लागत से बनकर तैयार तो हो गये लेकिन स्वास्थ्य विभाग के पास इसके लिए ना तो कोई डाक्टर है और ना ही स्टाफ आज तक कोई उपलब्ध हुआ। इस कारण इसकी इमारत बिना उपयोग के जर्जर हो गयी और स्वास्थ्य विभाग है कि आंख बंद कर सोया हुआ है। और तो और ग्रामीण भी कम नही हैं। उन्होंने इन इमारतों को खाली पड़ा देख अपने काम में उपयोग में लाना ही मुनासिब समझा। खाली कमरों में भूसा भर दिया और परिसर में पशुओं का तबेला बना दिया। साथ ही गोबर के उपले भी थाप दिए। ग्रामीणों से मिली जानकारी के मुताबिक पिनाहट क्षेत्र ब्लाक के ज्यादातर गांवों मे ऐसे ही उप-स्वास्थ्य केन्द्र बने हैं जो रख-रखाव ना होने के कारण जर्जर हो चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को यहां निरीक्षण करने के लिए कभी भेजा नहीं जाता। अब ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के लोगों पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है।
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