~ सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले की गरिमामयी उपस्थिति में सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव प्रारंभ: 23 देशों के 19 हजार श्रद्धालु हुए शामिल !
~ गोवा समुद्र तट पर बैठने की भूमि नहीं है, बल्कि परशुराम की पूजा करने की भूमि है!* - पू. देवकीनंदन ठाकुर, मथुरा
वैन (अभय वर्तक, सनातन संस्था - 17.05.2025) :: सनातन संस्था द्वारा आयोजित ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ में पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी ने कहा कि देश-विदेश से महत्वपूर्ण लोग यहां एकत्र हुए हैं। गोवा समुद्र तट पर बैठने की भूमि नहीं है, बल्कि परशुराम की पूजा करने की भूमि है, देवी की पूजा करने की भूमि है। मुझे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से पता चला कि गोवा में 70 प्रतिशत से अधिक लोग हिंदू हैं। पाकिस्तानी सरकार, जो स्वयं भिखारी है, आतंकवादियों को प्रशिक्षित करती है और दूसरों को नुकसान पहुंचाती है। इसके विपरीत, गोवा में मंदिर बनाए जा रहे हैं। आज गौशालाएं बनाए जाने की आवश्यकता है, वेदों के संरक्षण की आवश्यकता है । मैं आपको बताना चाहूंगा कि हमारा राष्ट्र हिंदू राष्ट्र था और रहेगा।
~ लोग पहले गोवा का समुद्र देखने आते थे, अब सनातन के कार्य के कारण वे भारतीय संस्कृति देखने आते हैं! - डॉ. प्रमोद सावंत, मुख्यमंत्री, गोवा
~ गोवा सरकार की ओर से डॉ. सच्चिदानंद परब्रह्म जयंत आठवले को विशेष सम्मान
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले नगरी - पहले लोग गोवा में समुद्र के साथ-साथ अन्य चीजें देखने के लिए भी आते थे; इसके विपरीत, गोवा में सनातन संस्था का कार्य शुरू होने के बाद, नागरिक भारतीय संस्कृति और मंदिरों को देखने के लिए गोवा आए। गोवा सुखों की भूमि नहीं है, यह देवताओं की भूमि है। सनातन संस्कृति और शंखनाद महोत्सव से यहां की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। पिछले 25 वर्षों से सनातन संस्था हिंदू धर्म के प्रसार का महान कार्य कर रही है और सनातन द्वारा निर्मित आध्यात्मिक पुस्तकें युवाओं को प्रेरित कर रही हैं तथा आगामी 100 वर्षों तक उनका मार्गदर्शन करती रहेंगी । गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि सनातन संस्था का कार्य समाज के लिए प्रकाश स्तंभ की तरह है।
सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत बालाजी आठवले की 83वीं जयंती और संगठन के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में गोवा में 17 से 19 मई 2025 तक गोवा इंजीनियरिंग कॉलेज, फार्मागुडी, फोंडा के प्रांगण में ऐतिहासिक ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है। वे इसके उद्घाटन अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर गोवा सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले को शॉल, माला और उपहार देकर विशेष रूप से सम्मानित किया, जबकि देश की रक्षा में उनके द्वारा किए गए कार्यों के लिए डॉ. सच्चिदानंद परब्रह्म को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ने देश की संरक्षण कार्य हेतु सच्चिदानंद परब्रम्ह डॉ.जयंत आठवले के करकमलों से मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को सहायता निधि समर्पित की गई ।
इस महोत्सव में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले एवं श्रीमती कुंदा जयंत आठवले की पूज्य उपस्थिति सहित 23 देशों से 19,000 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित हैं। डॉ. सच्चिदानंद परब्रह्म, साधकों और भक्तों के प्रेम के कारण अच्छा स्वास्थ्य नहीं होने के बावजूद भी महोत्सव में उपस्थित थे। डॉ. बालाजी आठवले के दर्शन कर उपस्थित भक्तगण एवं हिन्दू भाव विभोर हो गए। महोत्सव के प्रारंभ में शंखनाद, गणेश वंदना और वैदिक मंत्रोच्चार के बाद गणमान्यों ने दीप प्रज्ज्वलित किया।
इस अवसर पर गोवा के कुंडाई स्थित दत्त पद्मनाभ पीठ के पद्मश्री सद्गुरु बह्मेशानंद स्वामीजी और 'सनातन बोर्ड' के संस्थापक मा. देवकीनंदन ठाकुर, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री. श्रीपाद नाइक, गोवा के ऊर्जा मंत्री श्री. सुदीन धवलीकर, गोवा राज्य के समाज कल्याण मंत्री श्री. सुभाष फलदेसाई, भाजपा के गोवा प्रदेश अध्यक्ष श्री दामोदर नाइक, कर्नाटक में मैसूर राजघराने के युवराज और मैसूर से सांसद श्री. यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडियार, 'सुदर्शन समाचार' के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके, सनातन संस्था के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस एवं श्री अभय वर्तक उपस्थित थे।
सनातन राष्ट्र की आधारशिला गोवा से स्थापित हो रही है, यह ऐतिहासिक क्षण है ! - श्रीपद नाइक, केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री
इस अवसर पर केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक बोले, ‘‘सनातन राष्ट्र की आधारशिला गोवा से स्थापित हो रही है, यह ऐतिहासिक क्षण है । छत्रपति शिवाजी महाराज व धर्मवीर संभाजी महाराज के चरणस्पर्श से गोवा भूमि पावन हुई है । गोवा में आक्रमणकारियों ने लाखों हिन्दुओं का वध किया; तथापि यहां के हिन्दुओं ने सनातन हिन्दू संस्कृति अखंड रखने का कार्य किया है । ऐसी पावन भूमि में सनातन राष्ट्र के लिए शंखनाद होना, यह शुभ संकेत है । सनातन राष्ट्र निर्माण के कार्य में गोवा के धर्मप्रेमी सनातन संस्था के साथ हैं ।’’
हिन्दुओ, राम और कृष्ण के उदाहरण का अनुसरण करके शक्ति की पूजा करो! - पद्मश्री सद्गुरु ब्रह्मेशानंद स्वामी, गोवा
आज, समाज में गोवा की जो गंदी छवि थी, वह दूर हो गई है और सनातन संस्था के कार्यों के कारण गोवा को परशुराम की सात्विक भूमि के रूप में मान्यता मिली है। श्री हनुमान, श्री राम और श्री कृष्ण के हाथों में शस्त्र हैं। ये हथियार धर्म की रक्षा के लिए हैं। हम शांति चाहते हैं. जब सनातन धर्म प्रबल होगा तभी विश्व में विश्वास और शांति आएगी। अगर हिन्दू आज नहीं जागे तो कल हमारा नहीं होगा। सनातन के राष्ट्र और धर्म के कार्य में सम्पूर्ण समाज को सहभागी होने की आवश्यकता है। हम भी इस कार्य में भाग ले रहे हैं। इस कार्य के लिए हमें भी आशीर्वाद प्राप्त है।
राष्ट्र के सनातनत्व को अक्षुण्ण रखने हेतु ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव !’ - चेतन राजहंस
पहलगाम में आतंकवादियों ने पर्यटन हेतु आए हिन्दुओं की उनका धर्म पूछकर हत्या की । इसलिए भारत के सम्मुख उपस्थित चुनौतियां देखीं, तो ‘सनातन धर्मियों का अस्तित्व और सनातन धर्म का संरक्षण’ अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । इसलिए सनातन धर्म को पुनर्वैभव प्रदान करने हेतु ‘शंखनाद महोत्सव’ का आयोजन किया गया है । यह महोत्सव धर्मभक्तों को आध्यात्मिक बल देगा, एक नवचेतना और ऊर्जा प्रदान करेगा । कर्नाटक स्थित मैसूर राजघराने के युवराज तथा मैसूर के सांसद श्री. यदुवीर कृष्ण दत्त चामराज वाडीयार बोले, ‘‘अध्यात्म ही हमारा सबका मूल आधार है और वही हमारे सनातन राष्ट्र की मूल अवधारणा है । सनातन राष्ट्र यह राजनीतिक सत्ताव्यवस्था न होकर आध्यात्मिक सेवाभाव से की हुई व्यवस्था है ।’’ इस अवसर पर गोवा के ऊर्जा मंत्री श्री. सुदिन ढवलीकर, भाजपा के गोवा राज्य के प्रदेशाध्यक्ष श्री. दामोदर नाईक ने अपने विचार प्रकट किए । महोत्सव के आरंभ में धर्म स्थापना के लिए 1 करोड ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ इस नामजप का आरंभ किया गया ।
क्षणिकाएं :-
1. इस समय ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले जी का संक्षिप्त चरित्र’ इस हिन्दी भाषा के ग्रंथ का तथा ‘ई-बुक’ का मान्यवरों के करकमलों से लोकार्पण किया गया ।
2. ‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले नगरी’ के मुख्य प्रवेशद्वार का नामकरण ‘भगवान परशुराम सुवर्णद्वार’, नगरी के सात मार्गों को ‘सप्तर्षि’ के, तथा तीन मुख्य बडे सभामंडपों को ‘श्रीनिवास मंडपम’, ‘श्रीदेवी मंडपम’ और ‘भूदेवी मंडपम’ ऐसे नाम दिए गए हैं । महोत्सव स्थल पर भोजन के लिए कुल 15 मंडप निर्मित किए गए हैं और उनके नाम भी देवताओं के नाम से दिए गए हैं । भगवान श्रीराम, छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा सहित गोवर्धन पर्वत उठाते हुए श्रीकृष्ण तथा अफजल खान वध के कटआउट स्थापित किए गए हैं ।
3. इस समय ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था की ओर से 1 हजार वर्ष पूर्व के सोरटी सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का दर्शन सबको कराया गया । इस कार्यक्रम की अधिक जानकारी के लिए SanatanRashtraShankhnad.in वेबसाइट देखें !
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