दिल्ली में होगा ‘सनातन राष्ट्र’ का शंखनाद!

वैन (दिल्ली ब्यूरो - 22.11.2025) :: कभी “सोने की चिड़िया” कहलाने वाला भारत केवल अपनी समृद्धि के कारण महान नहीं था, बल्कि उसकी सनातन संस्कृति, धर्मनिष्ठ जीवनशैली, शौर्य एवं वीरता से परिपूर्ण शासन के कारण था। आज भारत तकनीकी और सामरिक रूप से तेजी से प्रगति कर रहा है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारतीय सेनाओं ने अपना सामर्थ्य विश्व को दिखाया है, फिर भी देश के सामने चुनौतियाँ कम नहीं हो रही हैं। भारत जितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से बाहरी और आंतरिक शत्रुओं की चुनौतियाँ भी विकराल होती जा रही हैं। हाल ही में दिल्ली में हुए बम विस्फोट की घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्र की एकता, सुरक्षा और सांस्कृतिक चेतना को कमजोर करने वालों से सावधान रहना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे समय में भारत के खोखले सेक्युलरवाद और वोट-बैंक की राजनीति के लिए किया जाने वाला तुष्टीकरण देश को और अधिक कमजोर करेगा। इसलिए भारत का पुनः विश्वकल्याणकारी ‘सनातन राष्ट्र’ के रूप में खड़ा होना समय की मांग बन गया है।

इसी उद्देश्य से ‘सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन’ की प्रस्तुति और ‘सनातन संस्था’ के आयोजन में ‘शंखनाद महोत्सव’ 13 और 14 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली स्थित ‘भारत मंडपम्’ (इंद्रप्रस्थ) में भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन अध्यात्म का तेजस्वी प्रसार करनेवाली ‘सनातन संस्था’ के रजत जयंती वर्ष का भी विशेष अवसर है।

नई दिल्ली में इस आयोजन का होना इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि दिल्ली केवल भारत की राजधानी नहीं, बल्कि राजनीतिक, प्रशासनिक और सामाजिक निर्णयों का केन्द्र है। यहाँ से प्रसारित होने वाला सनातन संस्कृति और राष्ट्रभक्ति का संदेश पूरे राष्ट्र में प्रभावशाली प्रतिध्वनि उत्पन्न करेगा। इसका परिणाम राष्ट्रीय एकता, शौर्य, और नागरिक चेतना की प्रबलता के रूप में सामने आएगा। यह महोत्सव न केवल धर्मनिष्ठ जीवनमूल्यों का उत्सव होगा, बल्कि हालिया आतंकवादी घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में समाज को सजगता और सामूहिक सुरक्षा का संदेश भी देगा।

मुख्य आयोजन और प्रदर्शनी : मुख्य कार्यक्रम 13 व 14 दिसंबर को भारत मंडपम के मुख्य कन्वेन्शन सभागार में आयोजित होगा, जिसमें “सनातन संस्कृति संवाद” के अंतर्गत सांस्कृतिक, सामाजिक, और रक्षात्मक विविध आयामों पर चर्चा होगी। “एक्झिबिशन हॉल 12-ए” में 13 से 15 दिसंबर तक इतिहासकालीन शस्त्रप्रदर्शनी और संस्कृति प्रदर्शनी का आयोजन होगा। इस प्रदर्शनी में पहली बार छत्रपति शिवाजी महाराज की ‘भवानी तलवार’ का प्रत्यक्ष दर्शन उपलब्ध होगा। इसके साथ पारंपरिक युद्धकला के जीवंत प्रात्यक्षिक इस समारोह का प्रमुख आकर्षण रहेंगे।

राष्ट्रप्रेरणा के स्वर : इस महोत्सव के द्वितीय दिवस “विश्वकल्याणकारी सनातन राष्ट्र” पर विशेष सत्र आयोजित होगा, जिसमें नक्सलवाद, आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे गंभीर विषयों पर विशेषज्ञ विमर्श करेंगे। भारत की रक्षा-नीति, सांस्कृतिक पुनर्जागरण और राष्ट्रीय आत्मबल को सुदृढ़ बनाने के उपायों पर गहन संवाद होंगे।

‘सनातन राष्ट्र’ के कार्य में सहभागी होने का आवाहन : महाभारत युद्ध से पूर्व भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मयुद्ध की उद्घोषणा शंखनाद से की थी; उसी की प्रेरणा लेकर सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले ने ईश्वरीय अधिष्ठान पर आधारित “सनातन राष्ट्र” के निर्माण का ध्येय रखा। दिल्ली में होने वाला यह ‘शंखनाद महोत्सव’ धर्मनिष्ठ समाज को आत्मशक्ति, नवचैतन्य और राष्ट्रसेवा की ऊर्जा प्रदान करेगा।

जब प्रत्येक सनातनी छत्रपति शिवाजी महाराज के ‘हिंदवी स्वराज्य’ के आदर्श और सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले के सनातन राष्ट्र के संकल्प से प्रेरित होगा, तब यह शंखनाद महोत्सव केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि राष्ट्र-रक्षा, सामाजिक एकता और दिव्य पुनरुत्थान की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध होगा।

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