परमेश्वर में रूचि है तो सुनना पड़ेगा यह भजन, फिर नहीं मिलेगा सुनने को

वैन (राज ठाकुर राजावत - मथुरा, उत्तर प्रदेश - 29.03.2023) :: श्री गिर्राज वास मैं पाऊँ, बृज तज वैकुंठ ना जाऊँ... गोवर्धन की सड़क पर बैठा ये सन्त भारतीय लोक संगीत की पारंपरिक शैली में ब्रज रस के ऐसे भजन को गा रहा है, जो प्रायः लोप हो चुके हैं और अब आगे ये कभी सुनने को नहीं मिलेंगे। नयी पीढ़ी को इस संगीत से कोई लेना देना नहीं है। यदि आपको संगीत में थोड़ी भी रुचि है तो आप इस कर्णप्रिय भजन को ज़रूर पसंद करेंगे।

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