स्कूल की बड़ी लापरवाही के चलते छात्र के चेहरे पर गिरा एसिड

वैन (सूरज दुहन - गुरुग्राम, हरियाणा) :: कहने को तो सरकार सभी बच्चों कों पढ़ाने के लिए कई दावें करती है, कई योजनाएं बनाने का दावा करती है, लेकिन जब शिक्षा के मंदिर में बच्चों के साथ कोई हादसा हो जाए तो बच्चा स्कूल जाएगा कैसे?

जी हां ताजा मामला गुरूग्राम के धनकोट का है, जहां पर एक सरकारी स्कूल के 8वीं कक्षा के छात्र पर एसीड गिरने का मामला सामने आया है। जिसे कि स्कूल अब रफादफा करने में लगा है।

शिक्षा का मंदिर एक शिक्षार्थी के लिए बेहद अहम होता है। एक बच्चे के अभिभावक इस मंदिर में अपने बच्चें को शिक्षा ग्रहण करने के लिए बिना किसी डर के भेज देते हैं और चाहते हैं कि उनका बच्चा स्कूल में जाकर पढे-लिखे और आगे बढ़े। इस बाबत लगातार सरकार भी कई दावें करती है खासकर "बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ" को लेकर, लेकिन आजकल वह भी व्यर्थ ही नज़र आता है। लेकिन जब किसी बच्चे के साथ स्कूल में कोई हादसा हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन हैं?

ताजा मामला गुरूग्राम के धनकोट का है, जहां पर कुछ बच्चें स्कूल का टॉयलेट साफ कर रहे थे और इसी दौरान इन छात्रों ने मस्ती करते हुए एक 8वीं कक्षा के छात्र पर एसिड गिर गया। एसिड गिरने से छात्र का पूरा चेहरा झुलस चुका है, जिसके बाद पूरा धनकोट गांव बेहद नाराज है और उन्होंने स्कूल पर ताला जड़ दिया है साथ ही प्रदर्शन जारी है।

गांव के सरपंच का कहना है कि स्कूल की तरफ से छात्र के परिजनों को हजार रूपये देकर मामले को रफा दफा करने की बात सामने आई है। स्कूल का कहना है कि छात्र पर एसिड प्रयोगशाला में एक्सपेरिमेंट करते हुए गिरा है, जिस बात को छात्र लगातार नकार रहा है।

एसिड प्रयोगशाला में गिरा हो या फिर टॉयलेट में। लेकिन मामले बेहद गंभीर है। स्कूल की लापरवाही इसमें साफ तौर पर देखी जा सकती है। जिससे साफ होता है कि हमारे देश का नौनिहाल ऐसे स्कूलों में सुरक्षित नहीं है।

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