कोरोना के साथ अब स्वाइन फ्लू से भी रहें सचेत!

रांची (रामा शंकर) :: संथाल बचाओ संघर्ष मोर्चा की महासचिव रेणुका सिंह ने कहा कि स्वाइन फ्लू वायरस अभी हमारे देश से खत्म नहीं हुआ है। कोरोना वायरस और स्वाइन फ्लू से होने वाले संक्रमण के लक्षण एक जैसे हैं जैसे- सर्दी, जुकाम, बुखार, कफ आदि। कोरोना वायरस की तरह स्वाइन फ्लू भी संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने के दौरान संपर्क में आने से फैलता है। सर्दी खत्म होने और गर्मी के पूरी तरह से आने के बीच स्वाइन फ्लू हर साल अच्छी खासी संख्या में लोगों को अपना शिकार बनाता है। हालांकि कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखें तो इस बीमारी से बचाव भी हो सकता है। वैसे ये हमारे श्वसन तंत्र से जुड़ी संक्रामक बीमारी है। स्वाइन फ़्लू को 1919 में महामारी के स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई थी और यह अभी भी एक मौसमी फ़्लू वायरस के रूप में फैलता है। स्वाइन फ़्लू का कारण H1N1 वायरस स्ट्रेन है, जिसकी शुरुआत सूअरों से हुई।

स्वाइन फ्लू एक व्यक्ति से दूसरे में आसानी से फैलता है। ये आम फ्लू या सर्दी-जुकाम की तरह ही होती है। खांसने, छींकने या सांस से फैलती है। जब कोई स्वाइन फ्लू मरीज दूसरे व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो उसे भी ये बीमारी होने की आशंका रहती है। स्वाइन फ्लू के लक्षण आमतौर पर सर्दी-जुकाम की तरह ही हैं लेकिन इसमें सांस फूलती है, शरीर दर्द के साथ कमजोरी महसूस होती है। लक्षणों में शामिल हैं बुखार, खांसी, गले में खराश, ठंड लगना, कमजोरी और शरीर में दर्द. बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को गंभीर संक्रमण का खतरा। हालांकि, कोरोना वायरस अधिक संक्रामक है। अगर कोरोना वायरस की तुलना, इससे पहले फैलने वाली घातक बीमारी स्वाइन फ्लू या H1N1 वायरस से करें तो स्वाइन फ्लू से संक्रमित लोगों में मृत्युदर अधिक है। दुनिया भर के विशेषज्ञ खतरनाक कोरोनो वायरस की वैक्सीन खोजने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं, जबकि H1N1 की वैक्सीन मौजूद है, इसके बावजूद इसकी वजह से हर साल मौतें हो रही हैं।अगर कोरोना वायरस की तुलना, इससे पहले फैलने वाली घातक बीमारी स्वाइन फ्लू या H1N1 वायरस से करें तो स्वाइन फ्लू से संक्रमित लोगों में मृत्युदर अधिक है। हालांकि, कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा या वैक्सीन नहीं खोजी जा सकी, जबकि स्वाइन फ्लू की वैक्सीन उपलब्ध है और इसे फैलने से रोका जा सकता है।

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