- पीएम ने 2013 में आगरा में किसानों से आलू प्रोसेसिंग यूनिट लगाने का किया था वायदा
- आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को लेकर पीएम के नाम तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन
वैन (सुनील अरोड़ा - आगरा, उत्तर प्रदेश - 14.09.2021) :: 14 सितंबर मंगलवार को अलीगढ़ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली का आयोजन किया जा रहा था वही इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन टिकैत जनपद आगरा के जिला अध्यक्ष राजवीर लवानिया ओर किसानों ने उन्हें पुराने वादों की याद दिलाने के लिए अलीगढ़ में प्रधानमंत्री मोदी की रैली में जाने का एलान किया था। राजवीर लवानियां ने बताया कि सुबह वह ओर सैकड़ो किसान अलीगढ़ पीएम की रैली में जाकर उन्हें अपना वादा याद दिलाने को निकले तो आगरा पुलिस ने उन्हें किसानों सहित घर मे नजरबंद कर दिया ओर शाम को 5 बजे तक नजरबंद रखा। उधर तहसीलों के अध्यक्षों किरावली में अर्जुन सिंह छोंकर, बाह में घूरे लाल शास्त्री सहित कई किसान नेताओं को भी पुलिस ने नजरबंद कर दिया।
राजवीर लवानियां ने कहा कि इस समय देश का किसान भारी आर्थिक संकट से जूझ रहा है। जिसकी भरपाई हेतु सरकार द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। इसी बीच सरकार द्वारा तीन काले कृषि कानून जबरदस्ती किसानों पर थोपे एवं विद्युत अधिनियम संशोधन जैसे कानून लाकर किसानों की कमर तोड़ने का कार्य किया।
राजवीर लवानियां ओर आलू उत्पादक किसानों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आगरा के कोठी मीना बाजार मैदान में 2013 की जनसभा में आगरा के आलू उत्पादक किसानों के लिए लोकलुभावन घोषणा की थी, उन्होंने मंच से कहा था यदि मैं प्रधानमंत्री बना तो सबसे पहले आगरा में आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को हल किया जाएगा तथा आगरा में आलू प्रोसेसिंग यूनिट की और आलू संस्थान एवं अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जाएगी, लेकिन उन्होंने अपने गृह राज्य गुजरात के बनासकांठा में प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर और और कृषि मंत्री ने आलू संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र ग्वालियर में स्थापित कर आगरा जनपद के हजारों आलू उत्पादक किसानों को धोखा दिया और निराश किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम एक ज्ञापन सदर तहसीलदार को सौंपा, जिसमें किसानों ने निम्न मुख्य मांगे रखी:-
- आगरा में प्रोसेसिंग यूनिट और आलू संस्थान एवं अनुसंधान केंद्र की तुरंत स्थापना हो।
- आलू उत्पादक किसानों को कोल्ड भाड़े में 200 रू की सब्सिडी मिलें तथा सब्सिडी भी सीधे किसानों के खाते में जाए।
- आगरा मंडल से आलू के निर्यात पर जल्द विचार किया जाए।
- तत्काल प्रभाव से तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाए
- विद्युत संशोधन अधिनियम को तुरंत वापस लिया जाए।
- न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून के दायरे में लाकर समर्थन मूल्य से नीचे खरीद करने वालों पर कार्रवाई करते हुए किसानों की प्रत्येक दिन निजी मंडियों में हो रही लूट को तत्काल रोका जाए।
इन्हीं सभी मांगों के साथ राजवीर लवानिया भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष आगरा के नेतृत्व में किसानों ने ज्ञापन प्रधानमंत्री के नाम तहसीलदार सदर को सौंपा इस अवसर पर उपाध्यक्ष तांतीराम जादौन, मंडल उपाध्यक्ष विष्णु कटारा, मंडल उपाध्यक्ष के एस राणा, राकेश कुशवाहा, नत्थू सिंह धाकरे, रनवीर सिंह चाहर, थान सिंह चाहर, मान सिंह पूर्व प्रधान, किशन वीर सिंह, हरिओम दीक्षित, जगदीश शर्मा, श्याम सिंह, रविंद्र सिंह चाहर, पातीराम, नारायन सिंह, वीरेंद्र सिंह जैसावत, बनवारीलाल तोमर, हरिओम सिंह, राकेश सिंह अमर सिंह, बनवारी लाल जैसावत , हरिओम सिंह, महाराज सिंह, पप्पू जेसावत, मनोज तोमर, रामप्रकाश तोमर और सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।
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