दिल्ली ब्यूरो (17.01.2022) :: हरिद्वार में दिसंबर 2021 में संपन्न धर्मसंसद में मुसलमान समाज के संबंध में आपत्तिजनक विधान करने के लिए श्री. जितेंद्र नारायण त्यागी (पूर्व के वसीम रिजवी) के पश्चात अब यति नरसिंहानंद सरस्वतीजी को भी हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार किया है । आपत्तिजनक विधान किए इसलिए हिन्दू नेताआें एवं संतों को गिरफ्तार किया जाता है; परंतु वसीम रिजवी का शिरच्छेद करने के लिए लाखों रुपयों का पुरस्कार घोषित करनेवाले हैदराबाद के कांग्रेस नेता मोहम्मद फिरोज खान एवं रशीद खान, साथ ही मुसलमानों पर काल्पनिक अत्याचारों के प्रकरणों में उत्तर प्रदेश पुलिस को खुलेआम धमकानेवालेे एमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी पर कोई भी कार्रवाई नहीं होती । इस देश में हिन्दुआें के लिए एक न्याय और मुसलमानों के लिए अलग न्याय क्यों है ? देश में यदि हिन्दू बोलें तो ‘हेट स्पीच’ और अहिन्दू बोलें तो वह ‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता’, यह कब तक चलेगा, ऐसा प्रश्न हिन्दू जनजागृति समिति ने पूछा है। कुछ दिन पूर्व छत्तीसगढ से कालीचरण महाराजजी को गांधीजी के विषय में आपत्तिजनक वक्तव्य करने के प्रकरण में गिरफ्तार करने का प्रकरण अभी ताजा ही है और तुरंत यति नरसिंहानंद को भी बंदी बनाया गया । अनेक हिन्दूद्रोही नेता हिन्दू देवता, संत, धर्मग्रंथों पर तथा वीर सावरकर के विषय में अत्यधिक निचले स्तर पर जाकर बोलते हैं; परंतु वह ‘अभिव्यक्ति स्वतंत्रता’ होती है । हिन्दुआें का धर्मग्रंथ ‘मनुस्मृति’ तो खुलेआम जला दिया जाता है; परंतु वह जलानेवालों पर कोई भी कार्रवाई नहीं करता और यदि वसीम रिजवी किसी धर्मग्रंथ के कुछ आपत्तिजनक सूत्रों पर चर्चा करते हों, तो उन पर कार्रवाई की जाती है । धर्मग्रंथों में उल्लेखित हिंसा के विषय में कोई चर्चा कर रहा हो, तो उसमें गलत क्या है ? गांधीजी की चूकों की कोईसमीक्षा कर रहा हो, तो उसमें गलत क्या है ? हिन्दू संतों और नेताआें को गिरफ्तार कर हिन्दुआें की आवाज दबाने का प्रयास किया जा रहा है, यह हिन्दू समाज कदापि सहन नहीं करेगा। ऐसा समिति ने कहा है।
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