भक्त की श्रद्धा को ही भगवान कृपा में बदलते हैं - कृष्णानंद सरस्वती

वैन (हरियाणा - भिवानी ब्यूरो - 06.06.2023) :: जिस प्रकार समुंद्र के खारे पानी को पीकर बादल मीठा-मीठा जल बनाकर धरती में बरसाते है, ठीक इसी प्रकार भक्तों की श्रद्धा को ही भगवान कृपा में परिणित करते हुए भक्तों की झोली में कृपा की वर्षा कर देते है। यह विचार तपोभूमि परमहंस योगाश्रम धाम के प्रांगण में महाराज कृष्णानंद सरस्वती ने श्रीरूद्र महायज्ञ व भागवत कथा के छठे दिन भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। श्रीरूद्र महारूज्ञ में भिवानी के अलावा अन्य राज्यों दिल्ली, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब से भी भक्तों ने शामिल होकर यज्ञ में आहुति डाली। श्री महाराज ने कहा कि जो ब्रह्मा पूरे ब्रह्मांड का संचालन करता है, उस प्रभु को वृंदावन की भोली गोपियां अपनी धाप के पीछे नचाती है। इस अवसर पर श्रीमद् भागवत कथा के रसधारा के दौरान स्वामी मदन मोहन अलंकार ने प्रभु की विभिन्न लीला के रहस्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर श्रीकृष्ण एवं रूकमणी मैया के विवाह की झांकी धूमधाम से निकाली गई। भक्तों ने इस प्रसंग का पूरे भक्तिभाव से आनंद लिया। आश्रम के प्रवक्ता ने बताया कि सात जून को प्रात: छह: बजे से साढ़े आठ बजे तक पूर्णाहुति आयोजित होगी। आठ जून को शाम के समय कवि सम्मेलन का आयोजन छह: बजे से किया जाएगा। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कवि राजेश चेतन व अन्य कवि काव्यपाठ करेंगे।

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