देशभर में सुहागिन महिलाएं आज कर रही हैं वट सावित्री की पूजा

वैन (रामा शंकर - आरा, बिहार) :: भारत त्योहारों का देश हैं, जिसकी परम्परा के गुण दुनिया गाती है। यहाँ नित नये त्यौहार मानाने की परम्परा है जिसको दुनियाभर में भी भलीभांति निभाया जाता है। इसी कड़ी में आज भारत में महिलायें पति की दीर्घायु के लिए वट सावित्री की पूजा कर व्रत रख रही हैं। इस त्यौहार के लिये सुहागिन महिलाएं एक दिन पहले ही अपनी तैयारियां पूर्ण कर लेती हैं। यहां मनाए जाने वाले वट सावत्री व्रत को लेकर सुहागिन महिलाओं में उत्साह नजर आ रहा है। सुहागिन महिलाओं ने पूर्व संध्या पर उपवास की तैयारी की। पूजा से संबंधित सामान की बाजार से खरीदारी की जिसमें हाथ पंखे की खास खरीदारी की। शहरी क्षेत्रों मे सबसे अधिक समस्या वट वृक्ष की रहती है। इसलिए आसपास के क्षेत्रों से वट की टहनी को मंगवाई गईं। कुछ मंदिरों में वट पूजा को लेकर पुजारी भी व्यवस्थाओं में जुटे रहे ताकि सुहागिन महिलाएं मंदिरों में पूजा कर सकें। सावित्री ने ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट वृक्ष के नीचे अपने पति सत्यवान की यमराज से सुरक्षा की थी। तभी से सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत रखा जाता है। सुहागिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती हैं। सत्यवान एवं सावित्री एवं यमराज की भी पूजा कर अपने पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य आदि की कामना की जाती है। टोकरी में रेत भरकर ब्रह्मा की मूर्ति स्थापित कर तथा वाम पार्श्व में सवित्री की मूर्ति स्थापित करती है तो दूसरी टोकरी में सत्यवान सावित्री की मूत स्थापित करती है। दोनों टोकरियों को वट वृक्ष के नीचे रखकर सबसे पहले ब्रह्मा सावित्री की पूजा कर फिर सत्यवान सावित्री की पूजा करती है।इसके बाद वट वृक्ष को पानी दें। जल, फूल, मोली, रोली, कच्चा सूत, भिगोया चना, गुड तथा धूप दीप से पूजा करती है। जल चढ़ाकर वृक्ष के चारों ओर कच्चा धागा लपेट कर तीन वार परिक्रमा कर वट के पत्तों की माला पहन कर कथा का श्रवण करती है भीगे हुए चने का वायना निकाल कर उस पर धन रखकर अपनी सास को देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती है। पूजा समाप्त होने पर वस्त्र तथा फल बांस के पत्ते में रखकर दान करती है यदि आस पास वृक्ष नहीं है तो दीवार पर वट वृक्ष का चित्र बनाकर पूजा करती है। पुजारी ने बताया कि वट सावित्री का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए करती हैं। इस व्रत में वट वृक्ष की पूजा कर उसके पत्तों से श्रृंगार भी किया जाता है।

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