हिन्दुओं को व्यक्तिगत सुख-दु:ख और हानि का विचार ना कर राष्ट्ररक्षा के लिए आगे आना चाहिए - महंत दीपक गोस्वामी

वैन (दिल्ली ब्यूरो - 18.07.2022) :: 'वर्ष 2047 में भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए यदि 10 प्रतिशत मुसलमान सहायता करें, तो निर्बल बहुसंख्यकों को (हिन्दुओं को) घुटने पर लाकर इस्लाम स्वीकारने हेतु बाध्य करेंगे’, ऐसा आत्मविश्वास से कहने वाले ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया’ के (पी.एफ.आई.के) कागजातों की ओर हिन्दू अनदेखी न करें। इसी कारण एक समय भारत का ही भाग रहे अफगानिस्तान, पाकिस्तान, श्रीलंका हमने खो दिए हैं। आज हमारी कुछ हानि होगी, इस भय से यदि हम पीछे रहेंगे, तो कल राष्ट्र ही शेष नहीं रहेगा। यदि राष्ट्र अपना नहीं रहा, तो हमारा कुछ शेष नहीं रहेगा। ‘सेक्युलर’ सरकार भी नहीं रहेगी। आज झारखंड के एक विद्यालय में मुसलमान विद्यार्थियों की संख्या 70 प्रतिशत से अधिक होने पर वहां हिन्दू विद्यार्थियों को हाथ जोडकर प्रार्थना करने हेतु सीधा प्रतिबंधित किया गया है। इसलिए अब हिन्दुओं को अपने व्यक्तिगत सुख-दु:ख और हानि का विचार न कर राष्ट्र रक्षा के लिए आगे आना चाहिए, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन राजस्थान स्थित ‘ज्ञानम फाउंडेशन’ के संस्थापक महंत दीपक गोस्वामी ने किया है। हिन्दू जनजागृति समिति आयोजित ‘2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का पी.एफ.आई. का षड्यंत्र ?’ इस विषय पर ऑनलाइन ‘विशेष संवाद’ में वे बोल रहे थे।

इस समय बिहार के ‘भारतीय जनक्रांति दल’ के राष्ट्रीय महासचिव अधिवक्ता राकेश दत्त मिश्रा ने कहा, बिहार की घटना से पी.एफ.आई. और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना करना अनुचित है। पी.एफ.आई. विविध घातक शस्त्रास्त्रों का प्रशिक्षण देकर देश में हिंसक कृत्य कर रही है तथा देशप्रेमी संगठन रा.स्वं. संघ नागरिकों को स्वसुरक्षा प्रशिक्षण सिखा रहा है। वास्तव में देखें तो संघ के संबंध में आपत्तिजनक वक्तव्य करनेवाले बिहार के पुलिस अधिकारी मानवजीत सिंह ढिल्लों के खालिस्तानी आतंकवादियों से कुछ संबंध हैं क्या, इसका अन्वेषण करना चाहिए।

‘पी.एफ.आई.’ जैसे देशघाती संगठनों पर प्रतिबंध लगाएं!

इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के प्रवक्ता श्री. नरेंद्र सुर्वे ने कहा कि, तुर्किस्तान का गुप्तचर दल ‘आई.एच.एच.’ (IHH) दान के नाम पर संसार भर में आतंकवादी कृत्य करता रहता है। इसी दल के साथ पी.एफ.आई. की अनेक बैठकें हुई हैं। चीन से पी.एफ.आई. को करोडों रुपए मिले हैं। उसी का दूसरा संगठन ‘कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया’ (सी.एफ.आई.) और अन्य संगठनों को 100 करोड मिले हैं, यह ‘ईडी’ के अन्वेषण में सामने आया है। ‘नागरिकता सुधार कानून’ का विरोध करने के लिए पी.एफ.आई. को विविध देशों से 120 करोड रुपए आए हैं। अनेक हिंदुत्ववादियों की हत्या इस संगठन ने की हैं। प्रतिबंधित संगठन ‘सिमी’ के ही लोग पी.एफ.आई. संगठन के माध्यम से देशघाती कृत्य कर रहे हैं। केरल में इसी संगठन की रैली में 10 वर्ष के लडके ने हिन्दुओं का नरसंहार करने का आवाहन किया था। इसलिए ‘पी.एफ.आई.’ के साथ संलग्न देशघाती संगठनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

Responses

Leave your comment