कृष्ण-सुदामा की तरह नि:स्वार्थ होनी चाहिए मित्रता - अवधेश संजय शास्त्री

वैन (भिवानी ब्यूरो - हरियाणा) :: हरियाणा के भिवानी स्थित स्थानीय डोबी तालाब गीता भवन में महंत वैद्यनाथ के सानिध्य में चल रही श्रीमद भागवत कथा के सातवें दिन भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की कथा का वाचन किया गया। कथा वाचक अवधेश संजय शास्त्री ने कहा कि अगर हमें किसी के साथ मित्रता करनी है तो वह भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की तरह नि: स्वार्थ भाव से करनी चाहिए यही सच्ची मित्रता है। उन्होंने कहा कि जो दुख की घड़ी में काम आता है वही सच्चा मित्र होता है। उन्होंने बताया कि धीरज, धर्म, मित्र और नारी की परीक्षा दुख के समय पर होती है। एक मित्र को दूसरे मित्र के दुख को अपना दुख समझना चाहिए। हमें किसी के साथ धोखा या कपट नहीं करना चाहिए। जो दुसरों के दुख को अपना दुख समझ कर उनकी सहायता करता है स्वयं भगवान श्री कृष्ण उसकी सहायता करते हैं। इस अवसर पर मोहन लाल, अजय शास्त्री, तेजभूषण शास्त्री, शशि भूषण, अश्वनी मेहता, विरेन्द्र द्विवेदी व राजकुमार विशेष रूप से मौजूद रहे।

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