भोलेनाथ के दर पर उमड़ा आस्था का सैलाब; करकौली महेवा मंदिर तथा तीर्थ बटेश्वर में लगा श्रद्धालुओं का तांता

वैन (नीरज परिहार - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: आगरा जनपद के पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत गांव करकौली के चंबल बीहड़ किनारे सिद्ध क्षेत्र में बसा महेवा आश्रम प्राचीन शिव मंदिर बना हुआ है, जहां की आस्था निराली है, जिसने जो मांगा उसे वही मिला, दूरदराज से पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने भगवान भोले के दर पर मनोकामना पूर्ण होने के लिए मत्था टेका तो उसे खाली हाथ भोले के दर से नहीं लौटना पड़ा, सावन माह के तीसरे सोमवार को महेवा मंदिर आस्था का सैलाब देखने को मिला यहां सैकड़ों की संख्या में शिवभक्त कांवर गंगाजल लेकर भोले पर जलाभिषेक करने के लिए पहुंचे, तो वही श्रद्धालु अपने परिवार के साथ सैकड़ों की संख्या में भोले के दर दर्शन करने के लिए पहुंचे, जहां कांवड़ियों ने अपने परिवार के साथ भोले पर जलाभिषेक किया पूजा अर्चना कर भगवान शिव से सुख समृद्धि की कामना की, सुबह से ही यहां भगवान भोले के दरबार में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया मंदिर परिसर में पुलिस व्यवस्था की गई थी ताकि कोई अभी अव्यवस्था ना फैले, चंबल का बीहड़ भोले शंकर के बम-बम के जयकारों से गुंजायमान हो गया, वैसे तो इस मंदिर पर साल के 12 माह श्रद्धालु पूजा करने के लिए दूरदराज से भी आते हैं और उनकी मनोकामना भगवान पूरी करते हैं, चंबल क्षेत्र में यह एकमात्र भोलेनाथ का शिव क्षेत्र मंदिर है।

उधर, आगरा जनपद के ही बाह क्षेत्र के तीर्थ बटेश्वर में सावन माह में हर सोमवार को लगने वाले विशाल मेले श्रद्धालु भोले के दर पहुंचते हैं और भगवान शंकर भोलेनाथ पर गंगाजल से जलाभिषेक कर अपनी मनोकामना की कामना करते हैं, वही सावन के तीसरे सोमवार को तीर्थ बटेश्वर में विशाल मेला का आयोजन होता है जिसमें हजारों लाखों की संख्या में लोग दूरदराज से भगवान के दर्शनों के लिए मरते हैं, इसी क्रम में सावन माह के तीसरे सोमवार को रविवार रात से ही श्रद्धालुओं ने भगवान के दरबार में हजारों की संख्या में डेरा डाल रखा था, जहां भोले के भक्त मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश के निम्न शहर देहात से भारी संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शनों को पहुंचे, वहीं सैकड़ों की संख्या में कांवड़िए कवरों में एटा के सोरो घाट से गंगाजल भरकर लेकर पहुंचे जहां रविवार रात्रि 12:00 बजे से भगवान ब्रह्म लाल महाराज भोलेनाथ पर गंगाजल का जलाभिषेक शुरू हो गया, श्रद्धालुओं ने भगवान भोलेनाथ के मंदिर में गंगाजल का जलाभिषेक कर भगवान से अपने परिवार की सुख-समृद्धि और सुख जीवन की मनोकामना कर आशीर्वाद प्राप्त किया, बम भोले के जयकारों से तीर्थ बटेश्वर गुजायमान हो गया। वही सावन के तीसरे सोमवार मैं बटेश्वर में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता है जिसके लिए पुलिस द्वारा विशेष इंतजाम किए जाते हैं, लोकल में रहने वाले सभी ग्रामीण श्रद्धालु हजारों की संख्या में भगवान के दर दर्शन करने पहुंचते हैं, तो वही कांवरियों का भी रेला तीसरे सोमवार को अधिक रहता है, पुलिस अधिकारियों द्वारा बटेश्वर में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की जाती है ताकि कोई अव्यवस्था ना फैले भारी मात्रा में फोर्स भी तैनात किया जाता है, वाहनों के लिए विशेष तरीके से पार्किंग व्यवस्था की जाती है ताकि कोई जाम की स्थिति ना लग सके, जिसके लिए पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की व्यवस्था भी की जाती है और श्रद्धालुओं को एक-एक कर मंदिर में प्रवेश की अनुमति होती है, यमुना के घाटों पर पीएससी गोताखोरों की तैनाती की गई थी ताकि यमुना में स्नान करने वाले लोग गहरे पानी में जाकर किसी अनहोनी का शिकार नाहो सकें, जिसके लिए विशेष व्यवस्था की गई, मंदिर पुजारी श्री प्रकाश गोस्वामी के अनुसार जो भी भोले के दर आया उसे सब कुछ प्राप्त हुआ, निसंतान को संतान प्राप्त होती है, निर्धन को धन, साल भर में हर वर्ष लाखों लोग भगवान के दरबार में दर्शन करने के लिए आते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं भगवान उनकी झोली भरते हैं जो लोग मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान के दरबार में घंटा इत्यादि चढ़ाते हैं।

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