डॉ मीना कुमारी'परिहार'
नामोत्पत्ति:-
लतीनी भाषा में "कोरोना"का अर्थ"मुकुट" होता है और इस वायरस के कणों के इर्द-गिर्द उभरे हुए कांटे जैसे ढांचों से इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी में मुकुट जैसा आकर दिखता है, जिस पर इसका नाम रखा गया था।
कई वायरस (विषाणु) प्रकारों का एक समूह है जो स्तन धारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं।यह आर एन ए वायरस होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के, लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं।गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के लोग के कारण बनते हैं।इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायरस रोधी अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है और लोग लक्षणों (जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन,ज्वर आदि)का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर कुछ शक्ति बनी रहे।
चीन के वुहान शहर से उत्पन्न होनेवाला 2019 नोबेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदाहरण है, जिसका संक्रमण सन 2019-20काल में तेजी से उभरकर 2019-20 सुहानी कोरोना वायरस प्रकोप के रूप में फैलता जा रहा है। हाल ही में WHO ने इसका नाम COVID19 रखा।
इसके लक्षण:-
बहती नाक, गले में खराश, खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ (गंभीर मामलों में)
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