बच्चों के बेहतर भविष्य के लिये "शिक्षा बचाओ - स्कूल खोलो" अभियान

- अब स्कूल बंद रहे तो एक पीढ़ी के अनपढ़ रह जाने का खतरा - रामअवतार शर्मा

- बच्चों का भविष्य बचाने के लिए "शिक्षा बचाओ - स्कूल खोलो अभियान"

- स्कूल खोलने की मांग के साथ जिला उपायुक्त को दिया ज्ञापन

वैन (भिवानी - हरियाणा ब्यूरो - 24.01.2022) : प्रदेश अध्यक्ष रामअवतार शर्मा के नेतृत्व में प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन, हरियाणा ने आज जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहर लाल को स्कूल खोलने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया। भिवानी जिले के प्राइवेट स्कूल संचालक, अध्यापक और अभिभावक बड़ी संख्या में सुबह हुडा पार्क में एकत्र हुए। यहाँ उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए रामअवतार शर्मा ने सर्कार से स्कूल खोलने का अनुरोध करते हुए कहा कि आज स्कूल खोलने की मांग स्कूल संचालकों की नहीं अभिभावकों की है। और इसीलिए गावं गावं शहर शहर अभिभावक , उनके संगठन, ग्राम पंचायतें और आमजन ये पुरजोर मांग कर रहे हैं कि स्कूल खोले जाएँ। उन्होंने बताया कि आज प्रदेश के सभी जिलों में एसोसिएशन ने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को स्कूल खोलने की मांग के साथ ज्ञापन दिया है। एसोसिएशन का शिक्षा बचाओ, स्कूल खोलो अभियान बच्चों के भविष्य को बर्बाद होने से बचाने के लिए है। रामअवतार शर्मा ने कहा कि हरियाणा सरकार का एक जनवरी से स्कूलों को अचानक बंद करने के निर्णय से अभिभावक और बच्चे दोनों परेशान हैं। अभिभावक स्कूलों को लिखित में स्कूल खोलने के लिए कह रहे हैं क्यूंकि उन्हें पता है कि उनके बच्चों का भविष्य खतरे में है, उनके बच्चे अपनढ़ रह जाने की कगार पर हैं। रामअवतार शर्मा ने कहा कि क्या अभिभावकों को अपने बच्चों कि चिंता नहीं है जो वो उन्हें स्कूल भेजना चाहते हैं? क्या अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए कोरोना से डर नहीं लगता? लेकिन अभिभावक सब कुछ समझ रहा है, उसे दिखाई दे रहा है कि जब सब कुछ खुला है और सिर्फ स्कूल बंद हैं तो बच्चे सुरक्षित कैसे हैं? उन्हें पता है कि स्कूल में कोरोना संबंधी गाइडलाइन को फॉलो किया जाता है। अभिभावकों को पता है कि कोरोना संक्रमण तो ठीक हो सकता है लेकिन लर्निंग पावर्टी यदि बच्चों में आ गयी तो उसकी भरपाई नहीं हो सकती। रामअवतार शर्मा ने कहा कि अभिभावक अपने बच्चों को अशिक्षित नहीं रखना चाहते इसीलिए कोरोना संक्रमण कि आशंका के बावजूद वो अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं। उन्हें स्कूल द्वारा किये गए प्रबंधों पर भी भरोसा है। कोरोना के नाम पर पिछले दो वर्षों में बच्चों की पढाई का पहले ही बहुत नुक्सान हो चूका है, इससे आगे कक्षाएं न लगाना उनके साथ नाइंसाफी होगी। वर्ल्ड बैंक और यूनिसेफ जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं कि रिपोर्ट का हवाला देते हुए रामअवतार शर्मा ने कहा कि वर्ल्ड बैंक और युनीसेफ ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि स्कूलों को बंद रखने का कोई आधार नहीं है। वर्ल्ड बैंक की टीम जिसने कोरोना के शिक्षा पर असर का अध्ययन किया है, उसने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कई देशों में स्कूल बंद होने के बावजदू कोरोना संक्रमण की कई लहर आई हैं। स्कूल खुले रखने से बच्चों में संक्रमण का जोखिम कम होता है, लेकिन इसकी तुलना में बच्चों की शिक्षा को लेकर होने वाला नुकसान बहुत अधिक होता है। वर्ल्ड बैंक के अध्ययन के अनुसार पिछले दो साल के दौरान भारत में स्कूल बंद होने से 10 साल तक के 70 फीसदी बच्चों की सीखने की क्षमता पर असर पड़ा हैं। इसे लर्निंग पावर्टी कहा जाता है। यूनीसेफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि दुनिया में लगभग 100 से अधिक देशों में स्कूल खुल गए हैं। अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और जापान में हुए शोध के अनुसार स्कूल खोलने से संक्रमण फैलाव पर बहुत कम असर पड़ता है। कोरोना काल के दौरान स्कूल बंद होने से दुनिया भर में लगभग 30 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए थे।

रामअवतार शर्मा ने कहा कि लॉकडाउन में स्थिति अलग थी। लेकिन जब स्कूलों को छोड़ अन्य सभी कुछ खुला है तो बच्चे घर पर रहकर सुरक्षित कैसे हैं? पेरेंट्स ही अपने बच्चों को वायरस से संक्रमित कर सकते हैं। बच्चे गली में खलेते हुए एक दुसरे से संक्रमित हो सकते हैं। वो बाहर जाने से या किसी गेस्ट के घर आने से संक्रमित हो सकते हैं। और अब तो 15 से 18 वर्ष के बच्चों को काफी संख्या में वैक्सीन भी लग चुकी है। पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में रामअवतार ने कहा कि यदि सरकार स्कूल नहीं खोलती है तो एसोसिएशन एक हफ्ते के अंदर राज्य कार्यकारिणी कि बैठक करेगी और उसमे आगे कि रणनीति बनाई जाएगी। जो भी निर्णय होगा वो प्रदेश स्तर पर लागू होगा।

क्या एसोसिएशन जबरदस्ती स्कूल खोलेगी, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि अभी हमने सरकार से स्कूल खोलने का अनुरोध किया है और हमें उम्मीद है कि सरकार हमारी बात को समझेगी। यदि जरूरत पड़ी तो ग्राम पंचायतों और शहर के प्रबुद्ध लोगों से विचार विमर्श कर स्कूल खोले भी जा सकते हैं। एसोसिएशन की आगे की रणनीति के बारे में बताते हुए रामअवतार शर्मा ने कहा कि 25 जनवरी को हरियाणा के सभी 90 विधायकों और मंत्रियों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया जायेगा। 28 फरवरी तक एसोसिएशन सरकार के निर्णय का इंतजार करेगी और हमें उम्मीद है की सरकार स्थिति की गंभीरता को समझेगी। उन्होंने बताया कि एसोसिएशन के राज्य कार्यकारिणी के पदाधिकारी हरियाणा सरकार के मंत्रियों और शिक्षा विभाग के अधिकारीयों को चंडीगढ़ में ज्ञापन देकर अपना पक्ष पहले ही रख चुके हैं। ऑनलाइन पढाई करवाने प[र राम अवतार शर्मा ने कहा की जब मज़बूरी थी तो ठीक था लेकिन अब बच्चों को मोबाइल देना मज़बूरी नहीं है। पहले बच्चों को भी मोबाइल का बहुत नहीं पता था। लेकिन अब बच्चे मोबाइल पर गेम खेलते हैं, अनावश्यक सामग्री देखते और पढ़ते हैं और ये उनके चंचल दिमाग के लिए सही नहीं है। अब तो मोबाइल ने एक एडिक्शन का रूप धारण कर लिया है और इसे अभी खत्म करना होगा वर्ना हमारी वर्तमान पीढ़ी बहुत पिछड़ जाएगी। इसके बाद, सभी उपस्थित जन शांति से प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचे और उपायुक्त आरअस ढिल्लों के शश्र से बाहर होने के कारण ज्ञापन सीटीएम भिवानी ने स्वीकार किया और सरकार को अपने कमैंट्स के साथ भेजने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर एसोसिएशन के जिला प्रधान अमित डागर, सचिव कर्ण मिरग, संजीव श्योराण, यतिंदर नाथ, परवीन सोनी, अलका माथुर, निस्चल गोयल, राजबाला कौशिक, शमशेर सिंह, राजबीर सिंह, पवन मेहता, कर्मबीर शाष्त्री, रामकुमार बंगलिया, श्रद्धानन्द नुनसर आदि उपथित थे।

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