प्रशासन द्वारा किसानों की जमीन पर कब्जे के प्रयास के विरुद्ध किसानों ने किया आर-पार की लड़ाई का एलान

- इनररिंग रोड के दूसरे चरण का मामला - 5 ओर 6 नवम्बर को प्रशासन ने किया था कब्जे का एलान - एकता चौकी पर जमा फ़ोर्स को देख किसान भयभीत वैन (सुनील अरोड़ा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: इनर रिंग-रोड के दूसरे चरण के निर्माण में उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित गुतला, गंगरौया, देवरी गढ़ी, देवरी गांवों के किसान चार गुना मुआवजा और अन्य उचित मांगों को लेकर पीड़ित पिछले 35 महीनों से गुतला गांव में धरने पर बैठे हैं। 5 और 6 नवम्बर को एडीए और प्रशासन ने पुलिस ओर पीएसी की मदद से कब्जा करने की बात कही थी। यह जानकारी मिलते ही किसानों ने बीच रोड में झोपड़ी डाल कर धरना शुरू कर दिया। मंगलवार को ताजगंज की एकता चौकी पर फ़ोर्स पहुचने की सूचना पर किसान धरना स्थल पर जमा होने शुरू हो गए, लेकिन अधिकारियों की व्यस्तता के चलते फोर्स को वापस लौटा दिया गया। बुधवार को भी किसान यूनियन के सदस्य धरना स्थल पर पहुंचे। धरने पर बैठे किसानों के मुताबिक अब आरपार की लड़ाई होगी। उन्होंने कहा कि हम जान देकर भी अपनी जमीन की रक्षा करने को तैयार हैं। किसानों के मुताबिक अगर प्रशासन ने उनका वाजिब हक नहीं दिया तो ईंट से ईंट बजा देंगे। उधर, किसानों के समर्थन में भारतीय किसान यूनियन भी आ गयी है। प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्धा सिंह और मंडल अध्यक्ष गजेंद्र परिहार ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर बिना मुआवजा दिए जमीन पर कब्जा किया तो प्रदेश का किसान यहां इकट्ठा हो जाएगा। किसान सेवा समिति के सचिव कृपाल सिंह का कहना है कि अब पीड़ित किसान जान देने को तैयार हैं। अधिकारी उनकी मांगों को मानने को तैयार नहीं हैं। उनके अनुसार बिना मुआवजा दिए प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा लाठी-डंडो के जोर पर जमीन पर कब्जा कर लिया जाता है। गैंगरीन से पीड़ित किसान श्रीचन्द ने भी कहा कि मांग पूरी ना होने की एवज़ में वह मरने तक धरना स्थल पर रहेंगे, लेकिन अपनी जमीन मुफ्त में नहीं जाने देंगे। इस मौके पर संजय, राजेन्द्र, रमेश, बीरेंद्र, यशपाल, जयराज, अर्जुन, रामपाल, मुकेश सहित कई किसान मौजूद रहे।

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