जबरदस्ती महिला आयोग की सदस्य ने कराया पीड़ित महिला से राजीनामा, हुआ बवाल

व्यूज़ 24 (भगत तेवतिया - पलवल, हरियाणा) :: बीते दिनों जिला परिषद की चेरमैन चमेली देवी सोलंकी पर साजिश के तहत हुए हमले के प्रयास, जातिसूचक शब्द कहने और जान से मारने की धमकी देने का मामला और तूल पकड़ता जा रहा है। 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस ने आरोपी वाइस चेयरमैन और पार्षदों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। इसी मुद्दे को लेकर आज हरियाणा महिला आयोग की सदस्य रेणु भाटिया ने पलवल का दौरा किया और ए.डी.सी. की मौजूदगी में जिला परिषद के सदस्यों की बैठक की। मीटिंग में महिला आयोग की सदस्य ने जबरण चमेली देवी सोलंकी पर राजीनामे का दबाव बनाया और बाद में मीडिया को गुमराह करते हुए बयान दिया क‌ि जिला परिषद की चेयरमैन चमेली देवी सोलंकी अब आरोपियों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं चाहती। ग्रांट की राशी के बटवारे और लंबे समय से जिला परिषद की मीटिंग नहीं होने के कारण यह विवाद पैदा हुआ था। जो कि अब माफीनामे के बाद खत्म हो गया है, लेकिन चमेली देवी सोलंकी ने रेणु भाटिया के बयान को सिरे से नकार दिया और न्याय के लिए आयोग व कोर्ट तक अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कही।
ज्ञात हो कि महिला आयोग का काम एक पिडित महिला को न्याय दिलाने का होता है लेकिन जब महिला आयोग ही आरोपियों के साथ मिलकर पिडिता के साथ राजीनामा कराने का काम करने लगे तो पिडिता को न्याय कैसे मिल पाएगा? इसका जीता-जागता उदाहरण आज हरियाणा के पलवल में देखने को मिला जब एडीसी कार्यालय में जिला परिषद की चेयरमैन पर हमले के प्रयास, जान से मारने की धमकी, गाली-गलौच व जातिसूचक शब्द कहने के मामले में महिला आयोग की सदस्य रेणु भाटिया, जिला परिषद के सदस्यों की बैठक ले रही थी। बैठक में शाजिस के आरोपी वाइस चेयरमैन, जिला पार्षद मौजूद थे तो पार्षदों ने माना कि लंबे समय से परिषद की बैठक नहीं होने व विकास कार्यों के पैसे में भेदभाव करने की वजह से ये हंगामा हुआ जिसके बाद महिला आयोग की सदस्य रेणु भाटिया ने पिडिता चेयरमैन चमेली देवी सोलंकी और आरोपी पार्षदों का राजीनामा कराने का प्रयास किया और बैठक को खत्म कर दिया। बैठक के बाद महिला आयोग की सदस्य रेणु भाटिया ने मीडिया को बताया कि इस मामले में राजीनाम हो गया है। चमेली देवी सोलंकी अब कोई कारवाई नहीं चाहती। हमने कार्रवाई करने की बजाय राजीनामा कराया है, क्योंकी हम नहीं चाहते कि इनको कानूनी पचडों में डाला जाये।
बता दें कि 31 दिसंबर को जिला परिषद की मीटिंग परिषद के सीईओ यानि एडीसी के अचानक छुट्टी पर चले जाने का बाद रद्द हो गई जिसके बाद परिषद के वाइस चेयरमैन संतराम बैंसला सहित कई पार्षदों ने साजिस के तहत जिला परिषद की चेरमैन चमेली देवी पर हमले का प्रयास किया और उनके साथ गाली गलौच कर जातिशूचक शब्द कहे और उन्हे जान से मारने की धमकी भी दी गई ये आरोप चमली देवी सोलंकी ने पुलिस को शिकायत देकर लगाए। चमेली देवी ने बताया कि जब एक पार्षद को उनकी गाड़ी से जबरन नीचे फेंक दिया और उन्हे गाड़ी से खीचने का प्रयाश किया गया तो मजबूरन उन्हे अपनी जान बचाने के लिए मौके पर गाड़ी लेकर भागना पड़ा था। इसकी विडियो भी पुलिस को शिकायत के साथ भेजी है लेकिन पुलिस ने 10 दिन बीत जाने के बावजूद कोई कारवाई नहीं कि लगता है पु‌लिस के उपर कोई राजनीतिक दबाव है जिसकी वजह से पलवल एसपी ने उनके साथ शिकायत देते समय ठीक बर्ताव नहीं किया आधे घंटे तक आफिस के बाहर खड़े रखा और बैठने के लिए भी जगह नहीं दी गई। आज फिर महिला आयोग की सदस्य के तमाम प्रयायों के बावजूद किसी ने कोई माफी नहीं मांगी और न ही हमारा कोई राजीनामा हुआ है। अब पुलिस से उन्हे न्याय की कोई उम्मीद नहीं है वो न्याय के लिए इस मामले को लेकर एससीएसटी आयोग व कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगी।

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