किसानों से गेहूं खरीद पर मंडी में व्यापारियों की लूट

वैन (कन्नौज ब्यूरो - अलीमुद्दीन) :: सरकार द्वारा किसानों से की जा रही गेंहूँ खरीद में गेंहूँ खरीदने वाले सरकारी कर्मचारी किसानों को अपना शिकार बराबर बना रहे हैं। गेंहूँ खरीद पर तुलाई के लिए 100 रुपये लिए जाते हैं। इस भष्टाचार की शिकायत किसानों ने जिलाधिकारी से की, मौके पर पहुचे तहसीलदार ने किसानों से पूछताछ की तो मामला संदिग्ध नजर आया। केंद्र प्रभारी व्यापारियों का गेंहूँ रात के समय खरीदकर तोल दिया जाता है और किसानों का गेंहूँ नही लिया जाता। राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी समिति के तहत सरकार द्वारा किसानों से गेंहू ख़रीद की जा रही है। लक्ष्य 9000 कुंतल गेंहूँ ख़रीद है। तिर्वा नवीन मंडी समिति में हो रही सरकारी गेंहूँ की खरीद में किसानों को केंद्र प्रभारी से दो चार होना पड़ रहा है । किसानों का कहना है कि गेहूं खरीद में केंद्र प्रभारी रात के समय व्यापारियों से गेंहूँ खरीद करता है और किसानों को टोकिन नंबर देकर तारिख दे देता है । तारीख के मुताबिक जब किसान मंडी गेंहूँ लेकर पहुचता है तो गेंहूँ नही लिया जाता है । किसान का जब गेंहूँ नही लिया जाता है तो किसान खुले में ही अपना गेंहूँ उतार लेता है । बिगड़े मौसम को देखते ही किसान की धड़कने बढ़ने लगती है और वह अपने गेंहूँ को बरसात से बचाने के लिए तिरपाल को डालकर अपना गेंहूँ सुरक्षित खुद करता है अगर इसी बीच बरसात हो जाये तो भीगे गेंहूँ को केंद्र प्रभारी नही लेता है । किसानों ने केंद्र प्रभारी पर आरोप लगाया कि 100 रूपए कुंतल के हिसाब से रिश्वत ली जाती है तब कही गेंहूँ खरीदा जाता है। गेंहूँ खरीद केंद्र के प्रभारी की शिकायत जिलाधिकारी से की गई तो मौके पर पहुचे तिर्वा तहसीलदार महेंद्र सिंह ने केंद्र प्रभारी से किसानों के गेंहूँ को न खरीदने की बात पूछी तो केंद्र बाबु ने काम जगह का रोना रोया । किसानों से हुई बात से यह साफ़ हो गया कि किसानों का माल न खरीद कर व्यापारियों से गेंहूँ लिया जा रहा है। टोकिन के अनुसार लिया जाने बाला किसानों का गेंहूँ में भी रजिस्टर को देखने से तहसील दार ने बाबू को हड़काते हुए कहा कि किसानों का गेंहूँ अभी तुलाया जाये। टोकिन में हो रहे खेल को तहसीलदार ने पकड़ लिया और फिर खुद ही गेंहूँ की खरीद रजिस्टर पर नाम लिखकर किसानों का गेंहूं खरीदा।

Responses

Leave your comment