भिवानी अस्पताल से रैफर रोहतक, वहां भी नहीं किया भर्ती; 4 घंटे पेड़ के नीचे लेट कर वापस लौटा मरीज

हरियाणा (भिवानी ब्यूरो) :: नाजुक हालत में मरीज कभी सामान्य अस्पताल भिवानी से पीजीआई रोहतक रैफर तो फिर रोहतक से वापिस भिवानी। भिवानी निवासी सीमा जिसकी हालत नाजुक है और फैफडो संबिधत समस्या से गंभीर रूप से बिमार है को परिजनो ने 19.05.2020 को भिवानी के सामान्य अस्पताल चौ.बंसीलाल भिवानी में भर्ती करवाया था। जिसकी हालात नाजुक है और किडनी में द्रव भरा हुआ है जोकि निकल रहा है। मरीज सीमा का 21.05.2020 को भिवानी के डॉक्टरर्स द्वारा कोविड-19 का सैंपल लिया गया और उसकी रिपोर्ट आने से पहले ही मरीज की हालत में सुधार नहीं था तो उसे रैफर कर दिया रोहतक पीजीआई में, रोहतक पीजीआई में जब मरीज को लेके जाया गया तो उन्होने पहले उसका कोविड टेस्ट करवाने का आग्रह किया जिसपर परिजनो ने कहा कि उसका सैंपल आपकी ही लैब में रोहतक आया हुआ है पर रिर्पोट नहीं आई है। रिपोर्ट कल आएगी और मरीज की हालत अधिक गंभीर है इसे भर्ती कर लिजिए तो पीजीआई रोहतक की टीम ने जबतक इसकी रिपोर्ट नहीं आती तब तक भर्ती करने से साफ मना कर दिया है। आप फोटो में देख सकते है मरीज अमरजेंसी वार्ड के ही बाहर पेड की छाया में लेटा हुआ है और हाथ में सिरिज लगी हुर्ई हे। इसके बाद जब रिपोर्ट जल्द प्राप्त करने के लिए और मरीज को रोहतक के एमजेंसी वार्ड में एडमीट करवाने को लेकर भिवानी सीएमओ व पीएमओ से बात की गई कि आपने जब वहां एडमीट ही नहीं हो रहे थे तो भेजा क्यों तो उन्होने कहा कि इसका इलाज हमाने पास संभव नहीं था बेहतर इलाज के लिए भेजा गया है। जब सरकारी एंबुलेस के पीएमटी से बात की तो बोला मेरा काम था भिवानी से रोहतक लाना मैंने उतार दिया हमे और भी काम होते है मैं आ गया। भिवानी के कोविड नोडल आफिसर राजेश से बात हुई तो वे बोले मैं सिर्फ फार्म दे सकता हूं जोकि सैंम्पल के दौरान भरा गया था रिपोर्ट तो अभी पैडिंग है और उन्होने रोहतक पीजीआई में कॉल की और परिजनो को बोला गया कि जो मरीज के साथ है उन्हे बोलो सीएमओ रोहतक डॉक्टर प्रियंका से बात करो। मरीज के पति सतीश ने बताया कि लेकिन डॉ. प्रियंका के बाहर मरीज लाया जाए वे ऑफिस में नहीं थी सिक्योरिटी वाला फिर कोरोना का हवाला देकर बाहर निकाल दे और फिर से मरीज पेड के निचे, फिर कुछ देर में हिम्मत करेके परिजन सीएम के आफिस गए फिर वही हाल और मरीज पेड के निचे फिर एक डॉक्टर ने कहा कि सीएमओ जी तो शाम को सात बजे के आसपास आएगें तो फिर हम उसी हालत में दौबारा से एंबुलस लेकर मरीज को भिवानी ले आए और डॉक्टर के सामने ले गए कि अब मरे या जिए हम परेशान हो गए आप संभालो। अब बताओ अगर मरीज को भिवानी वालो ने भेज दिया रोहतक वालो ने भर्ती नहीं इस चार पांच घंटे के दौराना अगर उसे कुछ हो जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। हमने इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री को भी मैसेज किया है। अब भिवानी में दोबारा से भर्ती तो कर लिया है पर इनके पास जरूरी साधन उपलब्ध ही नही तो क्या किया जाए। अगर इनके काबू में बात होती तो ये रैफर ही नहीं करते।

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