वैन (हेमन्त कुमार शर्मा - दिल्ली) :: आप-हम, अड़ोसी-पड़ोसी, नाती-रिश्तेदार, सगे-सम्बन्धी हर कोई अपने और अपने परिवार के बच्चों के बेहतर भविष्य के लिये उनको नित नये उदाहरण देकर समझते रहते हैं जिससे बच्चा किसी गलत राह को ना पकड़ ले। हम बच्चों की हर हरकतों पर इतनी बारीकी से नज़र रखते हैं कि मानो उसके अलावा बच्चा कुछ करेगा ही नहीं। बच्चों को इस कदर शिक्षा देते हैं मानो बच्चा उसको हमेशा अमल में लायेगा और आपका व हमारा दुनिया में नाम रौशन करेगा। बच्चा घर में अगर टीवी भी देखे तो उसमें भी हम 10 तरह के सवाल कर उसको एक दायरे के अंदर बांध देते हैं। और फाइनली हम समझते हैं कि हां, सब कुछ हमारी नज़र के सामने और हमारे कहे अनुसार चल रहा है और बच्चा सही राह पर है।
लेकिन सोचने वाली बात यह है कि हम उस अवस्था में अपने बच्चों को कौन सा बेहतर पाठ पढ़ा सकते हैं कि घर और हमारी-आपकी नज़रों के बाद जो बच्चा कार्य को अंजाम देता है उसमें भी वह गलत ना कर पाये। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं कि आपका और हमारा बच्चा जब समाज में कदम रखे तो भी वह अपने दिमाग में सही वातावरण और वाइब्रेशन्स को बहने दे जिससे कि वह भटक ना पाये।
यह सब आपको बताने का मतलब सिर्फ और सिर्फ इसलिये है क्योंकि आजकल ऑनलाइन और ऑफलाइन बाजार युवा पीढ़ी पर इतना भारी है कि युवा पीढ़ी उनके दिये जाने वाले लालच से कभी कुछ को बचा नहीं पाती और उसमे फंसती चली जाती है।
आपने ऑनलाइन बाजार के बारे में तो सुना ही होगा जहां युवाओं को लुभाने वाले नित नये ऑफर्स निकलते रहते हैं और उन ऑफर्स में युवा फंसते भी चले जाते हैं। ऐसे ही कुछ ऑफर्स आजकल युवाओं के लिये सामान खरीदने पर नहीं बल्कि लड़का और लड़की को एक-दूसरे के प्यार में पागल कर सेक्स रिलेशन बनाने के लिये मार्केट में हैं। हालांकि अल्प समय में आपसी रिश्ते बनाने को प्यार की संज्ञा तो नहीं दी जा सकती लेकिन फिर भी इन ऑनलाइन बाज़ार की नज़र में इससे बढ़कर प्यार कोई हो ही नहीं सकता। क्योंकि इसको भुनाने के लिए यह बाजार युवाओं को नित नये ऑफर्स पेश कर रहे हैं जिनसे आपके-हमारे बच्चे बिगड़ भी रहे हैं, खुद को गलत दिशा में भी झौंक रहे हैं और अपना भविष्य भी ख़राब कर रहे हैं।
पहले दिल्ली के अलावा पूरे भारत की पुलिस की नज़र ऐसी संवेदनशील गतिविधियों पर रहती थी जहां बिना शादी वाले युवा जोड़े अगर आपसी सम्बन्ध बनाते पाये जाते थे तो उनको सजा का प्रावधान था लेकिन आजकल यह सब ऑनलाइन खुल कर बिक रहा है और युवा इस और बेहतर आकर्षित भी हो रहे हैं। इस धंधे को करने वाले अपने इस धंधे में खूब फलफूल भी रहे हैं और दिन-प्रतिदिन इनके धंधे की आड़ में नए-नए युवा अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं युवा जोड़ों (बिना शादी वाले) को उनके ही शहर में उन्हीं की लोकल आईडी पर कमरे उपलब्ध कराना। कमरे भी पूरे दिन या 24 घंटे के लिये नहीं अपितु आपकी सुविधा के अनुसार एक घंटे से लेकर जब तक आप चाहें घंटों के रेट के हिसाब से।
यहां तक तो फिर भी यह धंधा काफी समय से चलन में था लेकिन अब पानी सर से ऊपर निकल गया है। एक ऑनलाइन वेबसाइट (stayuncle.com) युवाओं को घंटों के हिसाब से कमरा बुक कर, होटल में "पे" करने के ऑफर के साथ-साथ आपकी लोकल आईडी से वहां बे-रोकटोक जाने का ऑफर दे रही है। वेबसाइट खोलते ही युवाओं को लुभाने के लिये साफ़ शब्दों में लिखा गया है कि लोकल आईडी एक्सेप्टेड। इसके साथ-साथ वेबसाइट के पहले पन्ने पर ही यह वेबसाइट इतना खुलकर युवाओं में सेक्स परोस रही है मानों मार्केट को बदनाम करने का सारा ठेका इन्होंने ही उठाया हो। वेबसाइट खोलते ही युवाओं को लुभाने के लिये "लव किट" का ऑफर दिया जा रहा है। जी हाँ, अब शायद आप समझ गये होंगे, "लव किट" युवाओं को यह वेबसाइट खुलेआम जिस होटल में वह जायेंगे उस होटल में उपलब्ध करायेगी। अब आप कहेंगे कि इसमें क्या हर्ज है, उस "लव किट" में युवाओं के लिए फूल वगैरह सामग्री होगी। जी नहीं, उस "लव किट" को अगर एक बार आपके बच्चों ने ले लिया तो समझिये कि काम हो गया बस। उस "लव किट" में यह वेबसाइट सबसे पहले आपके बच्चों को कॉन्डोम उपलब्ध करा रही है, जिसका प्रदर्शन यह अपने वेबसाइट के पहले पन्ने पर कर रहे हैं। वेबसाइट के अनुसार पहले युवा रूम बुक करें, फिर आपस में "लव किट" में उपलब्ध कराये गए कॉन्डोम का इस्तेमाल करें, फिर उसी किट में उपलब्ध चॉक्लेट खायें और तत्पश्चात खुद को "पीसेफ" से क्लीन करें और निकल जायें। आपको दिया गया ऑफर यहीं समाप्त होता है। अगले ऑफर के इन्तजार में आपका अपना stayuncle.com.
जब ज़माना इतना गिर जाए कि वो खुलेआम यह सब करने लगे जिस काम को छुपा कर और पर्दा डाल कर किया जाता था तो आप ही बताएं कि इस सभ्य समाज में बाप और बेटी एक ही टेबल पर बैठ कर कैसे आपस में वार्तालाप कर पाएंगे? कैसे एक बेटी अपने बाप के साथ खुद की बातें साझा कर पाएगी? कैसे एक युवा बेटा जिसने अभी 12 पास की है और कॉलेज का रुख किया है अपनी माँ को अपने दिल की बातें बता पायेगा? क्या इस सभ्य समाज के लिए इतना खुलापन ठीक है जिसमे आज के युवाओं को खुलेआम इस सेक्स के कारोबार को बढ़ाने के लिए लालच दे अपना शिकार बनाया जा रहा है? क्या इस बारे में आपके और हमारे समाज का ठेका लेने वाले नेताओं को जरा भी नहीं सोचना चाहियें? क्या पुलिस विभाग को इस तरह की वेबसाइट के खिलाफ कार्रवाई नहीं करनी चाहियें? अगर हाँ तो कब होगी वह कार्रवाई और कब देंगे समाज के ठेकेदार इस तरफ ध्यान? जब पानी सर से ऊपर निकल जायेगा तब?
Leave your comment