राहुल और राजीव गांधी दोनों को पछाड़ मोदी बने शहंशाह; ध्वस्त किया 1984 का राजीव गांधी का रिकॉर्ड

वैन (दिल्ली ब्यूरो) :: अब तक सबसे ज्यादा वोट शेयर पाने का रिकॉर्ड राजीव गांधी के नाम था. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने पूरे देश में एकतरफा जीत हासिल की. कांग्रेस ने 48.1 फीसदी वोट शेयर के साथ रिकॉर्ड 400 से ज्यादा सीटें अपने दम पर जीतीं. उस वक्त बीजेपी की स्थापना को महज चार साल हुए थे और उसे 7.4 फीसदी वोट हासिल हुआ.

केंद्र की राजनीति में जिस दिन से नरेंद्र मोदी के कदम पड़े हैं, चुनाव-दर चुनाव भारतीय जनता पार्टी इतिहास दर्ज करती जा रही है. 2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी अब 2019 की मोदी सुनामी में उससे भी बड़ी जीत की तरफ बढ़ रही है. ये जीत इतनी विशाल है कि 1984 का राजीव गांधी का वो कारनामा भी फीका पड़ गया है जो भारतीय चुनावी राजनीति में शिखर पर विराजमान था.

अब तक जो रुझान सामने आ रहा है उनके मुताबिक, बीजेपी अपने दम पर न सिर्फ पूर्ण बहुमत के जादुई आंकड़े 272 को पार कर गई है, बल्कि 300 के पार जाती भी दिखाई दे रही है. इस तरह बीजेपी 2014 के 282 सीटों के रिकॉर्ड को भी तोड़ती नजर आ रही है. इतना नहीं वोट प्रतिशत के लिहाज से भी बीजेपी काफी आगे चल रही है और उसके खाते में 50 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर आता दिखाई दे रहा है. ये वो आकंड़ा है जिसे अब तक कोई भी पार्टी भी आजाद भारत के आम चुनाव में नहीं छू पाई है.

अब तक सबसे ज्यादा वोट शेयर पाने का रिकॉर्ड राजीव गांधी के नाम था. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस ने पूरे देश में एकतरफा जीत हासिल की. कांग्रेस ने 48.1 फीसदी वोट शेयर के साथ रिकॉर्ड 400 से ज्यादा सीटें अपने दम पर जीतीं. उस वक्त बीजेपी की स्थापना को महज चार साल हुए थे और उसे 7.4 फीसदी वोट हासिल हुआ.

बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वह लगातार चुनाव जीत रही है. मोदी ब्रांड का जादू भी चुनावी राजनीति में सिर चढ़कर बोल रहा है और यही वजह है कि मौजूदा चुनाव में जहां पूरा विपक्ष लामबंद होकर नरेंद्र मोदी को सत्ता से उखाड़ने की हर मुमकिन कोशिश करता दिखाई दिया, मोदी ने पूरे विपक्ष को धराशाई कर दिया है. इसके साथ ही मोदी के नेतृत्व में बीजेपी ने राजीव गांधी के 35 साल पुराने रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है.

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