19 नवंबर को भोजपुर जिला काँग्रेस कमिटी बेरोजगारी, महंगाई के खिलाफ करेंगी, एक दिवसीय धरना एवं प्रदर्शन

आर.एस.प्रसाद - आरा - भोजपुर जिला कांग्रेस कमिटी ने स्थानीय कांग्रेस कार्यालय शहीद भवन मे बेरोजगारी, बेहाल अर्थव्यवस्था, बदहाल किसान एवं महंगाई के विरोध में एक दिवसीय धरना एवं प्रदर्शन का आयोजन किया है। इसकी जानकारी भोजपुर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष त्रिवेणी प्रसाद सिंह ने दी और कहा कि भाजपा सरकार मंदी और तालाबंदी मौजूदा की पहचान बन गई है। देश की अर्थव्यवस्था वेंटिलेटर पर है और रोजगार सृजन कोमा मे है, न नौकरी है, न रोजगार और कृषि क्षेत्र पर तो मंदी का दंश और और भी बुरा है। डूबती अर्थव्यवस्था, घटती बचत, व्यापार की तालाबंदी और बैंक घोटालों में जनता के पैसे की लूट ने यह साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था का दिवाला निकाल दिया है। भाजपा सरकार हर कदम पर देशहित से खिलवाड़ कर रही है। भाजपा ने देश की वित्तीय स्वयत्ता एवं आर्थिक स्थिरता को दांंव पर लगा दिया है। सचाई यह है कि भारत वित्तीय आपातकाल की स्थिति में है। जले पर नमक छिड़कते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने नवंबर 2019 में चीन एवं 12 अन्य देशों के साथ एक मेगा फ्री ट्रेक एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने का निर्णय किया है। मोदी सरकार ने युवा भारत की शक्ति को बेहाली एवं बेरोजगारी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। नेशनल सैंपल सर्व ऑफिस के मुताबिक तो बेरोजगारी 45 साल में सर्वाधिक है और तेजी से बढ़ रही है। सेंटर फाँर माँनिटरिंग ऑफ इंडियन इकनोमिक के अनुसार बेरोजगारी की दर अगस्त 2019 में बढ़कर 8.19% हो गई है जो शायद पिछले 72 साल में सबसे अधिक है। इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार दुनिया में बेरोजगारी की दर 4.95% है। इसका मतलब कि भारत में बेरोजगारी की दर दुनिया की औसत के मुकाबला लगभग दुगनी हो गई है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर छाई वित्तीय संकट की जिम्मेदारी भाजपा सरकार पर है, जिसने देश को वित्तीय आपात कालीन के दरवाजे पर ला खड़ा किया है। पिछले 6 सालों में जीडीपी निचले पायदान पर है। आंंकडो की बाजीगरी छोड अगर वास्तविकता देखा जाए तो वित्तीय वर्ष 2019 - 20 की पहली तिमाही से जीडीपी 5% के नीचले स्तर पर रही।आईएमएफ, फिच वर्ल्ड बैंक, मूडी एवं आरबीआई सहित सभी एजेंसियों ने भारत में जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान में भारी कटौती कर दी है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पायदान से नीचे खिसक कर अब देश सातवें पायदान पर चल गया है। कृषि सेक्टर की जीडीपी वित्त वर्ष 2019 -20 की पहली तिमाही से जीडीपी 5% के निचले स्तर पर रही। आईएमएफ, फिच वर्ल्ड बैंक, मूडी एवं आरबीआई सहित सभी एजेंसियों ने भारत में जीडीपी वृद्धि के पूर्वानुमान में भारी कटौती कर दी है। दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के पायदान से नीचे खिसक कर अब सातवें पायदान पर चल गया है। कृषि सेक्टर की जीडीपी वित्तवर्ष 2019-20 की पहली तिमाही मे गिर कर मात्र 2% रह गई है। किसानों को लागत + 50% मुनाफा समर्थन मूल्य के तौर पर देने की बजाए भाजपा सरकार ने किसानों को बाजारु ताकतों के भरोसे छोड़ दिया है। 2020 - 21 के लिए भाग भाजपा सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए घोषित समर्थन मूल्य में 4% से 7% तक की नाममात्र की वृद्धि की गई हैं। एक तरफ सरकार ने खाद 5%, ट्रैक्टर एवं कृषि उपकरण 12%, कीटनाशक दवाई 10% पर जीएसटी लगाकर खेती बाडी पर टैक्स लगा दिया, तो दूसरी तरफ एक्साइज ड्यूटी, कस्टम ड्यूटी, प्रांतीय टैक्सेस के चलते डीजल के रोज बढते मूल्य की मार किसान पर पड रही हैं। किसान को फसलों का समर्थन मूल्य नहीं मिल रहा है तो दूसरी तरफ कृषि इनपुट पर भारी टैक्सों की मार झेलनी पड़ रही हैं। कृषि उत्पादों का निर्यात आँधे मुंह गिरा है जिससे कृषि उत्पादों की स्थिति और ज्यादा दयनीय हो गई हैं। जिसे लेकर भोजपुर जिला काँग्रेस कमिटी ने एक दिवसीय धरना एवं प्रदर्शन करेगी।

Responses

Leave your comment