पुलवामा अटैक की पहली बरसी तक भी नहीं हुए शहीदों के परिवारों के साथ किये सरकारी वायदे पूरे

वैन (राजीव मेहता - हरियाणा) :: पुलवामा हमले में शहीद हुए हरियाणा के दीनानगर में रहने वाला मनिन्दर सिंह का परिवार सरकार के खोखले दावों से खफा है। शहीद मनिन्दर के परिवार के मुताबिक सरकार ने उस समय कई तरह के वायदे किये थे जिनमें से एक भी वायदा अभी तक पूरा नही किया गया। उनका कहना है कि इन वायदों को लेकर तमाम राजनीतिक नेताओं के पास गए लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई। पंजाब के मुख्यमंत्री से तीन बार मिलने भी गये लेकिन मुख्यमंत्री के पास शहीद के परिवार से मिलने तक का समय नही है। वहां से खाली हाथ लौट आये। वहीं उनका रोष था कि अगर शहीद के परिवारों के साथ ऐसे ही होता रहा तो आने वाले समय में सेना में नौकरी करने के लिये कोई आगे नहीं आयेगा।

पिता सतपाल ने बताया के प्रधान मंत्री को 23 मार्च 2019 को सीआरपी से पंजाब पुलिस में नोकरी के लिये लेटर लिख था, जिसके बाद कोई जवाब ही नहीं मिला। हालांके मार्च 2019 में फिर मुख्य्मंत्री ने ट्वीट कर लिखा था कि वह परिवार के साथ हैं और DGP को इस मामले के लिये लिखा है कि वह लखवीश को किस तरह पंजाब पुलिस डिपार्टमेंट में ला सकते हैं? लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं होने से शहीद के पिता जो अकेले घर में रहते हैं उनकी तबियत बिगड़ गई। जिसे देखते हुए लखविश ने अपनी नोकरी छोड़ दी। नोकरी अभी ट्रेनिंग पीरियड में थी, जिस कारण उन्होंने कानून के अनुसार बनती राशी भी सरकार को जमा करवा दी थी। पिता सतपाल ने मांग करते कहा के उसके बेटे को पंजाब सरकार नोकरी दे और पिता सतपाल ने यह भी मांग की है के अर्ध सैनिक बालों को भी मिलेट्रिकी तरह बेनिफिट दिए जाए क्योंके अर्द्ध सैनिक के जवान भी देश की सेवा करते हैं। वही उन्होंने कहा के उनका बेटा मनिदर बचपन से ही पढ़ने लिखने होशियार था और खेलो में भी काफी रुचि रखता था मनिदर ने काफी इनाम भी जीते थे और उसका सपना था के बड़ा ऑफिसर बनकर देश की सेवा करना लेकिन परमात्मा को कुछ ओर ही मंजूर था।

शाहीद के भाई लखवीश सिंह ने बताया के वह CRP में फतेहगढ़ साहिब में कॉस्टेबल की करते थे, पिता की तबियत खराब होने के कारण वह उनके पास नाहींनरह सकते थे, पंजाब सरकार की तरफ से उसे नोकरी का आश्वासन मिला तो उन्होंने जुलाई 2019 में नोकरी यह सोच कर छोड़ दी के सरकार नोकरी दे देंगे और वह अपने पिता के साथ साथ योगोंके सेवा भी कर सकेगा। वह अपने पिता के साथ 3 बार मुख्यमंत्री को मिलने भी गया, लेकिन मिलने ही नहीं दिया गया।

Responses

Leave your comment