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वैन (पंकज - कानपुर) :: शराब की दुकानें देश के अधिक्तर हिस्सों में खुलने का विरोध तेज़ होता नज़र आ रहा है। बीते दिन जहां आगरा में किसान नेताओं ने इस ओर देश के आला अधिकारियों का ध्यान खींचा वहीं अब इस कतार में मंदिर के महन्त और समितियां सामने आ रही हैं। देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में जहां बीते कल पुलिस ने लाठियां भांजी थी और ठेके बंद करा दिये थे वहीं आज अमृत वेले से ही अंगूर की बेटी के भक्त अपनी मइया के दर्शन के लिये ठेकों के बाहर पलकें बिछाये खड़े नज़र आये। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी निर्देशानुसार सोमवार को कानपुर के अलावा लगभग पूरे क्षेत्र में शराब की दुकाने खोल दी गयी। शराब की दुकानें खुलने के बाद जिस तरह दुकानों पर लोगों की भीड़ लगी और लॉकडाउन की धज्जियां उड़ी उससे कोरोना महामारी के लिए अभी तक किये गये सभी बचाव के कार्यों व सावधानियों पर पानी फिर गया। इस बात को लेकर सोशल-मीडिया में भी लोग प्रदेश सरकार के इस फैसले को आड़े हाथों ले रहे हैं। शहर में शराब की दुकानें खालने को लेकर कानपुर के परमट स्थित बाबा आनंदेश्वर मंदिर के महंत चैतन्यगिरी जी महाराज ने मंदिर परिसर पर धरना देकर अपना विरोध दर्ज किया तथा सरकार के इस फैसले को समाज हित का विरोधी बताया। मंदिर के महंत चैतन्यगिरी जी महाराज ने कहा कि जब पूरा देश इस महामारी के संकट से जूझ रहा है ऐसे में शहर की शराब की दुकानें खोलने का यह सरकारी फरमान गलत है। साथ ही कहा कि योगी जी का फैसला गलत है, शराब के ठेके नहीं खोलने थे, यदि खोलना ही था तो मंदिर खोलते ताकि देवी-देवताओं और भगवान से आग्रह किया जाता कि इस सकंट से बचाया जाये और भगवान सुनते भी लेकिन शराब और मदिरा से कारोना का नाश नहीं होगा बल्कि इससे बढावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यदि इसी प्रकार लॉकडाउन की धज्जियां उडती रही और शराब की दुकाने खुलती रही और सोशल डिस्टेडिंग का ध्यान नहीं दिया गया तो भारत भी अमेरिका बन जायेगा। इस लिए वह स्थिति आये उससे पहले सरकार चेत जाये अन्यथा यह विरोध आन्दोलन का रूप ले लेगा। पुलिस की मेहनत हो रही व्यर्थ - अनुराग शुक्ला अखिल भारतीय सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष अनुराग शुक्ला ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार ने जो यह शराब की दुकाने खुलवाने का काम किया है उसका हम कड़ा विरोध करेंगे, क्योंकि इस फैसले से पुलिस और डॉक्टरों की मेहनत पर पानी फिर जायेगा। हम इतने दिन का लॉकडाउन काट कर आये हैं, अब जब हमने दिन-रात एक करके सभी प्रयास जारी रखे हैं तो ऐसे में शराब की दुकानो पर उमडी भीड़ चार-पांच दिन में हमारी सारी मेहनत खराब कर देगी। साथ ही वह बोले कि कि कल ही एक युवक को पुलिस ने रोका तो उसने तन कर कहा कि शराब लेने जा रहा हूं, यह स्थिति सही नहीं है, सरकार को इस फैसले पर विचार करना ही होगा।
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