- समाज के प्रत्येक घटक के लिए आवश्यक ‘सर्वांगस्पर्शी ग्रंथसंपदा का लाभ लें’ !* - पूजनीय नीलेश सिंगबाळ, धर्मप्रचारक, हिन्दू जनजागृति समिति
दिल्ली ब्यूरो (11.10.2021) :: सनातन संस्था ने अध्यात्मशास्त्र, सात्त्विक धर्माचरण, दैनिक आचरण से संबंधित कृति, भारतीय संस्कृति इत्यादि अनेक विषयों पर अनमोल और सर्वांगस्पर्शी ग्रंथ प्रकाशित किए हैं । सनातन के ग्रंथों का दिव्य ज्ञान समाज तक पहुंचाने के लिए संस्था की ओर से पूरे भारत में ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ चलाया जा रहा है । यह ग्रंथ समाज के प्रत्येक जिज्ञासु, मुमुक्षू, साधक इत्यादि तक पहुंचाकर हर किसी के जीवन का कल्याण हो, इसलिए यह ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ आरंभ किया गया है । अधिकाधिक लोग इन ग्रंथों का लाभ लें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के धर्मप्रचारक संत पूजनीय नीलेश सिंगबाळ जी ने किया है ।
पूजनीय नीलेश सिंगबाळ जी ने बताया कि, सनातन की अनमोल ग्रंथसंपदा में ‘बालसंस्कार’, ‘धर्मशास्त्र ऐसा क्यों कहता है?’, ‘आचारधर्म’, ‘देवताओं की उपासना’, आयुर्वेद, ‘धार्मिक और सामाजिक कृतियों के विषय में ग्रंथ के साथ ही प्राकृतिक आपदाओं के समय स्वयं की रक्षा कैसे करें’ इत्यादि अनेक विषयों पर 347 ग्रंथ प्रकाशित किए गए हैं । यह ग्रंथ मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती, कन्नड, तमिल, मलयालम, बंगाली इत्यादि 17 भाषाओं में उपलब्ध है । आज तक इन ग्रंथों की 82 लाख 48 हजार प्रतियां प्रकाशित की गई है । यह ग्रंथ केवल साधक अथवा श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, अपितु विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक, गृहिणी, अधिवक्ता, डॉक्टर, पत्रकार, प्रशासकीय अधिकारी, कर्मचारी, उद्योजक, राष्ट्र प्रेमी इत्यादि सभी क्षेत्रों के जिज्ञासुओं के लिए उपयुक्त है।
भारतीय अस्मिता और संस्कृति की रक्षा के लिए अत्यधिक आवश्यक कार्य सनातन संस्था ग्रंथों के माध्यम से कर रही है। भविष्य में भारत की रक्षा के लिए, आने वाली पीढ़ी को देश,धर्म, संस्कृति पर आ रहे संकट और उन पर उपाय, इन ग्रंथों में लिपिबद्ध करके प्रकाशित किया है । ये कार्य अद्भुत है। इसलिए वर्तमान में स्कूलों में, विद्यार्थियों को भी ये ज्ञान दिया जाए, तो वे लाभान्वित हो सकेंगे।* ऐसा श्री विनोद कुमार सर्वोदय जी (राष्ट्रवादी चिंतक एवं लेखक, गाजियाबाद) ने कहा।
इस अभियान के निमित्त पूरे देश में ग्रंथप्रदर्शन, संपर्क अभियान, ग्रंथों का महत्त्व बताने वाले हस्तपत्रक, डिजिटल पुस्तिका, समाचार वाहिनी पर विशेष कार्यक्रम, ‘सोशल मीडिया’ द्वारा व्यापक प्रसार इत्यादि अनेक माध्यमों से प्रचार किया जा रहा है । इस अभियान के विषय में संतों से आशीर्वाद तथा मान्यवरों से सदिच्छा लेने हेतु भेट की जा रही है । सनातन निर्मित नित्योपयोगी ग्रंथ समाज के प्रत्येक घटक हेतु, साथ ही सभी आयु वर्ग के लिए उपयुक्त है । सनातन संस्था की ओर से आवाहन किया गया है कि यह ग्रंथ स्वयं क्रय कीजिए; विविध शुभ प्रसंगों पर यह ग्रंथ उपाहर दें; मित्र, मित्र-परिवार, रिश्तेदार इत्यादि को भी ग्रंथ की जानकारी दें; विद्यालय - महाविद्यालय, ग्रंथालय इत्यादि स्थानों पर भी प्रायोजित करें । ग्रंथ ‘ऑनलाइन’ खरीदने के लिए SanatanShop.com इस जालस्थल (वेबसाईट) पर जाएं अथवा Sanatan Shop एप डाउनलोड करें, साथ ही अधिक जानकारी के लिए 9990223837 क्रमांक पर संपर्क कर सकते हैं।
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