साइबर सिटी में पेंटिंग एग्जिबिशन के साथ कलाकारों ने बसाया कलाकृतियों का गांव

वैन (सूरज दुहन - गुरुग्राम, हरियाणा) :: कलाकार किसी भी क्षेत्र का हो सबको अपनी और आकर्षित करता है चाहे वो कलाकृति बनाने में या रंगो के माध्यम से कलाकृति को दर्शाने में और या कलम के माध्यम से अपनी लेखनी की कला को दर्शाने में या फिर नाटकीय अंदाज में अपनी प्रस्तुति दे। इसी तरह का नजारा दिल्ली से सटे गुरुग्राम में दिखा जहां आज दो तस्वीरें हैं एक रंगो के माध्यम से कलाकृति को पेश किया गया तो दूसरी और अपनी कला से एक कलाकार ने गांव को दर्शाकर उसमे अपनी कला के माध्यम से ऐसा गांव बसाया है जहां आपको कलाकृति के रूप में इंसानी चेहरे तो नजर आ रहे हैं लेकिन कमी है तो सिर्फ इंसानी प्रतिमाओं में प्राण देने की। यदि वह प्राण भी कलाकर इनमें डाल सकता तो एक अद्भुद दृश्य दखने को मिलता। रंगो की कलाकृति गुरुग्राम में आयोजित एक प्रदर्शनी की है लेकिन कलाकृतियों का गांव कलकत्ता का है जिसमें द्वेष भावना नजर नहीं आती और आज आदमी इस जमीं पर है वो द्वेष भावना से ही ग्रस्त है। उधर इसके बिलकुल विपरीत कलाकार इससे कोसों दूर है।

चित्र बिना बोले सारी दास्तान बयां कर देते हैं..ऐसा ही साइबर सिटी गुरुग्राम के डीएलएफ फेस वन में एक ऐसी चित्रकला प्रदर्शनी लगाई गई है। जहां पर देशभर के जाने-माने कलाकारों की पेंटिंग रखी गई है और यहां रखी गई पेंटिंग में जहां कुछ पेंटिंग में चित्र के जरिए दास्तान को बयां करा गया है। तो वही कुछ पेंटिंग में चित्र के माध्यम से लोगों को जागरूक किया गया है। वहीं कुछ पेंटिंग में चित्र के माध्यम से इंसानियत को भी दर्शाया गया है।

कलाकारों की इस रंगो भरी कलाकृति की एग्जिबिशन गुरुग्राम में 20 दिन तक रहेगी और इस एग्जीबिशन का शुभारंभ गुरुग्राम की डिप्टी मेयर ने किया है। डिप्टी मेयर ने प्रदर्शनी में रखी सभी पेंटिंग की तारीफ की और कहा कि गुरुग्राम नगर निगम भी अब लोगों को जागरूक करने के लिए शहर भर की दीवारों पर पेंटिंग बनवाएगा। जिसमें शहर की खूबसूरती तो बढ़ेगी ही साथ ही साथ लोगों में भी जागरूकता आएगी।

एक तरफ कलाकार की रंगो से सजाई कलाकृतिया और दूसरी और ऐसे कलाकार का यह गांव जिसमे कलाकृतिया जो दिखने में तो इंसानी लगती हे यदि इनके पास नहीं हे तो सर्फ प्राण और इंसानी जज्बात ही इस और आकर्षित होते हैं।

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