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वैन (भिवानी - हरियाणा ब्यूरो) :: लोकतंत्र की हत्या कर लागू किए गए किसान बिल के विरोध में देशभर में सडक़ों पर उतरे अन्नदाताओं की मांगों का सम्मान करते हुए मोदी सरकार को ये काला कानून वापिस लेना चाहिए। ये बात राष्ट्रीय जनउद्योग व्यापार संगठन के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने कही। बुवानीवाला ने कहा कि ये बिल सिर्फ किसान ही नहीं बल्कि आढ़ती, छोटे व्यापारी और मजदूरों को भी बर्बाद कर देगा। भारत बंद का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि देशभर में चक्का जाम है, लेकिन पूंजीपतियों की हिमायती मोदी सरकार किसान, आढ़तियों और मजदूरों के हितों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने के लिए तानाशाही पर अड़ी है। बुवानीवाला ने कहा कि सरकार का ये फैसला मंडी व्यवस्था को बर्बाद कर देगा। मंडिया चरमरा जाएंगी और कोई व्यवस्था नहीं रहेगी। किसान और आढ़तीयों के हित बाजार के हवाले हो जाएंगे। बुवानीवाला ने कहा कि अगर सरकार को किसानों की सच में चिंता है तो तीनों कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का जिक्र क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को किसान हितों की चिंता थी तो एमएसपी अनिवार्य करना चाहिए था। बुवानीवाला ने कहा कि इन काले कानूनों में न तो किसान, न ही मजदूर और न ही आढ़तियों के अधिकारों को कोई संरक्षण दिया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार खरीद और न्यूनतम समर्थन मूल्य दोनों खत्म हो गए तो गरीबों के लिए राशन की दुकान पर मिलने वाला अन्न भी खत्म हो जाएगा। व्यापारी नेता ने कहा कि संघीय ढांचे पर हमला है। कृषि व मंडिया संविधान की सातवीं अधीसूची में राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। लेकिन मोदी सरकार ने किसी भी राज्य से इस बारें विमर्श तक नहीं किया। बुवानीवाला ने कहा कि मोदी सरकार का ये काला कानून मंडियों को समाप्त कर देगा और मंडिया समाप्त होते ही वहां काम करने वाले लाखों-करोड़ों आढ़ती, छोटे व्यापारी, मुनीम, ढुलाईदार, ट्रांसपोर्टर, शेलरों पर आजीविका का संकट मंडरा जाएगा। बुवानीवाला ने कहा कि मोदी सरकार जनभावनाओं को समझें और इस काले कानून को वापिस ले।
On Thu, Mar 28, 2024
On Tue, Mar 19, 2024