फागुन मास प्रारम्भ होते ही ब्रज की मशहूर होली की धूम शुरू

व्यूज़ 24 (भगत तेवतिया - पलवल, हरियाणा) :: पलवल जिले के ब्रज क्षेत्र के गाँव बंचारी में ब्रज के लोकगीतों पर होली खेली गई। फागुन मास महीने के शुरू होते ही ब्रज क्षेत्र में जगह-जगह पर रोजाना होली की धूम मची हुई है और रोजाना हर गाँव में होली खेली जा रही है। इस होली मिलन कार्यक्रम में महिलाओं व पुरुषों ने ढोल नगाड़ो की थाप पर जमकर नृत्य किया। कार्यक्रम में एक तरफ नृत्य व दूसरी तरफ छतों पर खड़े होकर युवाओं द्वारा पिचकारियों से जमकर रंग-गुलाल बरसाया गया। इस फागुन के महीने में ब्रज के गाँव-गाँव में होली की धूम मची हुई है।

जिले के ब्रज क्षेत्र के गाँव बंचारी में ब्रज के लोकगीतों पर ब्रज की महिलाओं के द्वारा ढोल नगाड़ों पर जमकर नृत्य किया गया। ब्रज क्षेत्र में देवरिया नादान, पिया गए फौज में, भर पिचकारी तेरे अंगियाह मारू, छोरा लाइयो तीर-कमान, मुंडेरी पै बुलबुल बैठी है, जैसे ब्रज के लोकगीतों पर को बंचारी गांव में आयोजित होली मंगल मिलन कार्यक्रम में महिलाओं व पुरुषों ने जमकर नृत्य किया। बंचारी की मशहूर चंदन एंड पार्टी द्वारा नगाडों की थाप पर सभी को नाचने के लिए मजबूर कर दिया। कार्यक्रम स्थल पर एक तरफ गांव की महिलाएं खड़ी थीं तो दूसरी तरफ पुरुषों की टोलियां ब्रज की होली के रसिया गा रहे थे। जैसे ही रसिया शुरू होता तो महिलाएं व पुरुष सामने आकर नाचने लगते। दोनों तरफ से जो पहले नाचने से हट जाता, उस पर दूसरी तरफ से लोक भाषा में टिप्पणियां कर चिढ़ाया जाता। इस होली कार्यक्रम में बंचारी ही नहीं आसपास के ग्रामीणों ने भी हिस्सा लिया। चारों तरफ रंग व गुलाल दिखाई पड़ रहा था। लोगों के हाथों में रंगों से भरी पिचकारियां थीं, जिनके द्वारा वे कार्यक्रम में आने वाले लोगों खासकर महिलाओं पर रंग डाल रहे थे। कार्यक्रम में लोगों को गुंजिया प्रसाद के रूप में खिलाई गईं। होली का यह कार्यक्रम दुल्हेंडी के दूसरे दिन फूलडोल मेले तक चलेगा। प्रतिदिन शाम को देर रात तक गांवों में होली कार्यक्रम होंगे।गांव जौहर खेड़ा निवासी मोहन सिहं ने बताया कि होली का पर्व बडे धूमधाम से मनाया जाता है। पलवल क्षेत्र ब्रज से जुडा हुआ है। ब्रज में जैसी होली खेली जाती है वैसी होली पलवल जिला के गांवों मेंं खेली जाती है। लोग रंग,गुलाल, फूलों के साथ होली खेलते है। चारों तरफ प्रेम और भाईचारे का आलम दिखाई देता है। होली से लेकर एक माह तक गांवों में चौपाई कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। लोग पुराने रीति रिवाजों के अनुसार होली खेलते है।

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