आरोप - तत्कालीन बैंक अधिकारियों, पार्टनर ने कोल्ड स्टोर नीलामी की साजिश रची

- सिद्धबाबा कोल्डस्टोर के मालिक सुरेश चंद जैन ने तत्कालीन बैंक अधिकारियों पर लगाये गंभीर आरोप

- सिंडिकेट बैंक ब्रांच में लोन के समय रखी असली डीड को हटा नकली रखी, हटाये अन्य पार्टनर

- 2017 में बैंक ने 1 करोड़ 63 की रिकवरी निकाली, 1 करोड़ 38 लाख जमा करने के बाद 2 करोड़ 61 लाख रिकवरी भेजी

- कोल्ड स्टोरेज की नीलामी की जानकारी से मालिक सदमे में पहुँचे

उत्तर प्रदेश (सुनील अरोड़ा - आगरा) :: इरादत नगर के कुर्राचित्तरपुर क्षेत्र में सिथित सिद्धबाबा आईस कोल्ड स्टोर सिंडिकेट बैंक धौलपुर हाउस ब्रांच के तत्कालीन बैंक अधिकारियों और 25 प्रतिशत कोल्ड में पार्टनर की जुगलबंदी, कोल्ड नीलाम करने की साजिश ओर फर्जी दस्तावेजों में हेराफेरी के चलते नीलामी के कगार पर पहुंच गया। जिसकी नीलामी आगामी दिनों में होने का नोटिस कोल्ड में लगाया गया है।

मामला इस प्रकार है

आपको बता दें कि इरादत नगर के कुर्राचित्तपुर निवासी सुरेश चंद जैन पुत्र गुलाब चंद जैन ने पांच मंजिला सिद्धबाबा आइस एंड कोल्ड स्टोर तैयार करवाया। जिसमे उन्होंने अपने पांच भाइयों नरेंद्र जैन, पवन जैन, सुरेंद्र जैन, हरिओम जैन, अजीत जैन ओर अन्य बाहरी व्यक्ति महावीर बघेल शेखपुरा निवासी को 25% का पार्टनर बनाया और लोन लेने के लिए सिंडिकेट बैंक धौलपुर हाउस ब्रांच में प्रार्थना पत्र दिया। कोल्ड मालिक सुरेश चंद जैन के मुताबिक 18 मार्च 2008 को साझेदारों के बीच एक साझेदारी डीड तैयार की गई। उन्होंने ग्रांटर के तौर पर अपनी कई कीमती जमीन बैंक में गिरवी रख दी।

उनके मुताबिक 2015 तक वह लगातार बैंक लोन की किस्तें जमा कराते रहे। उनके मुताबिक उन्होंने पार्टनर महावीर बघेल को कोल्ड चलाने के लिए दिया ओर आलू की निकासी से आने वाले रुपयों से बैंक और बिजली का बिल समय पर भरने के लिए कहा, लेकिन पार्टनर ने बैंक की किस्तें ओर बिल समय पर नही भरा ओर लगातार घाटा दिखाता रहा। उधर आरोप है कि बैंक अधिकारी ने उन्हें साजिश के तहत लोन की बकाया क़िस्त के बारे में कोई सूचना नही दी। उधर 2016 में आलू की स्थिति खराब होने ओर एक चेंबर में रखे आलू के खराब होने के कारण वह लगातार घाटे में आते गए। घाटे के चलते बैंक की किस्त भरने में असमर्थ रहे।

इसी दौरान बैंक ने 2017 में एक करोड़ 63 लाख की रिकवरी निकाल दी और कोल्ड स्टोर में सील लगा दी।

उनके पुत्र अजय जैन ने बताया कि उसी दौरान उन्हें पता चला कि पार्टनर महावीर ने सिंडीकेट बैंक ब्रांच धौलपुर हाउस के तत्कालीन बैंक मैनेजर और पूर्व एजीएम से मिलकर असली पार्टनरशिप डीड को बदलवा दिया ओर उसकी जगह फ़ोटो स्टेट करवा उसकी जगह नकली साझेदारी डीड बनाकर फर्जी साइन कर बैंक में रखवा दी।

उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत बैंक से जानकारी मांगी। दोनो को देखने के बाद उन्हें ज्ञात हुआ कि 2016 में ही साजिश के तहत उनके पार्टनर महावीर ने पांचों पार्टनर चाचाओं को पार्टनरशिप डीड से हटाकर अपने परिचित गवाहों के फर्जी साइन कर उनके पिता सुरेश जैन को 75 प्रतिशत और महावीर बघेल को 25 प्रतिशत पार्टनर दिखाया गया।

इस मामले में मालिक सुरेश चंद जैन के भाई का कहना है कि लोन की रिकवरी के नाम पर तत्कालीन बैंक मैनेजर और पार्टनर महावीर ने सांठगांठ कर उनकी गारंटी के तौर पर रखी सेवला की 15सौ गज करोड़ों की जमीन को 80 लाख रुपयों में नीलम कर दिया।

नीलामी से मिले रुपयों सहित उन्होंने 1 करोड़ 38 लाख बैंक में जमा करवा दिए, लेकिन बैंक अधिकारियों ने साजिश के तहत उनके ऊपर फिर से ब्याज लगा 2 करोड 61 लाख रुपयों की रिकवरी निकाल दी ओर वसूली के लिए बैंक कोल्ड स्टोर को नीलाम करवा रहा है। उनके मुताबिक कोर्ट के आदेश पर आरबीआई की गाइड लाइन के अनुसार बैंक सेटलमेंट नही कर रहा है जबकि वह रुपये जमा करने को तैयार है, लेकिन बैंक अधिकारी अपनों को फायदा पहुचाने के लिए करोड़ो के कोल्ड को कौड़ियों के दाम पर बिकवाने की साजिश के तहत नीलाम करने पर तुले है।

अपनी मेहनत से कमाई गई जमापूंजी लगाकर बनाए गए कोल्ड स्टोर की नीलामी होते देख सुरेश चंद जैन सदमे में आ गए । सुरेश चंद्र जैन के पुत्र अजय ने बताया कि डीड में हेराफेरी ओर धोखाधड़ी के मामले में उन्होंने तत्कालीन बैंक मैनेजर, बैंक एजीएम सहित महावीर बघेल पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करा दिया था, लेकिन आरोपियों ने पिता को झांसे में लेकर समझौते के फर्जी दस्तावेज बनाकर ओर पुलिस से सांठगांठ कर मुकदमें में एफआर लगवा दी। पीड़ित के मुताबिक वह अपना कोल्ड नीलामी से बचाने को प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे है लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई नही हुई। अजय जैन ने बताया कि उन्होंने कई बार बैंक अधिकारियों से अपने लोन खाते के स्टेटमेंट मांगे, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें स्टेटमेंट नही दिए। इससे पता चलता है कि तत्कालीन बैंक अधिकारी भी कोल्ड नीलामी की साजिश में शामिल है। पीड़ित ने प्रशासनिक अधिकारियों से कोल्ड स्टोर की नीलामी रुकवाने की अपील की है।

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