मंडी प्रशासन की वादा-खिलाफी से आक्रोशित आढ़ती दुबारा भूख हड़ताल पर

- अवैध सब्जी मंडियों को बन्द कराने की मांग कर रहे है बरौली अहीर सब्जी मंडी के आढ़ती, दुकानदार

- एसीएम चतुर्थ, सीओ सदर के आश्वासन पर पांच दिन बाद खत्म हुई थी भूख हड़ताल

आगरा (सुनील अरोड़ा - 23.09.2021) :: अहीर नवीन सब्जी मंडी परिसर में दुबारा से फिर भूखहड़ताल शुरू हो गई। जबकि एक दिन पहले ही एसीएम चतुर्थ ओर सीओ सदर ने यहां पांच दिन से आमरण अनशन पर बैठे आढतियों को अवैध मंडियों को हटाने का भरोसा दिया था, लेकिन उन्होंने वादा पूरा नही किया। कॉलेक्ट्रेट मीटिंग में भी सिटी मजिस्ट्रेट के ऑफिस में भी मंडी सचिव नही पहुँचे। इससे आढ़ती आक्रोशित हो गए और दुबारा से बरौली मंडी परिसर पर भूख हड़ताल पर बैठ गए।

बता दे कि अवैध फल सब्जी मंडी बसई ताजगंज व अन्य अवैध मंडियों को बन्द कराये जाने की मांग को लेकर नवीन फल सब्जी मंडी बरौली अहीर शमसाबाद आगरा के फल, सब्जी के थोक और फुटकर विक्रेता दुकानदार, आढ़तियों ने बरौली अहीर मंडी परिसर में दुबारा से अनिश्चित कालीन भूख हड़ताल बैठे है।

भूखहड़ताल पर बैठे व्यापारियों का कहना है कि वह अवैध मंडियों को बन्द कराने की मांग को लेकर बैठे थे, एसीएम फोर ओर सीओ सदर ने बसई ओर आसपास की अन्य अवैध मंडियों को बन्द कराने का आश्वासन दिया था उन्होंने उनकी बात का सम्मान रख भूख हड़ताल खत्म कर दी। कलेक्ट्रेट में हुई मीटिंग में हमे कोई ठोस आश्वासन नही मिला। इसलिए हमने दुबारा से अनिश्चितकालीन भूखहड़ताल शुरू कर दी।

भूख हड़ताल पर बैठे आढ़तियों, दुकानदारों का कहना है आगरा प्रशासन अवैध मंडी संचालको के खिलाफ कोई एक्शन नही ले रहा है उनके इस कदम से बरौली मंडी का व्यापारी घाटे ओर कर्जे में डूब गया है। मंडी में दुकानें 8 लाख की थी जिसको नीलामी में आढ़तियों ने 50 लाख से ऊपर खरीदा। बेचते समय मंडी सचिव ने बसई एवं अन्य अवैध मंडियों को बन्द कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नही हुई है।

जबकि नगर निगम, औद्योगिक प्राधिकरण शहरी क्षेत्र में फल सब्जी के थोक व्यापार को 24 जून को शासनादेश जारी कर प्रतिबंधित किया गया है। यह आदेश अपर मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन डॉ देवेश चतुर्वेदी जारी किया गया है, लेकिन आजतक उसका पालन नही किया गया। अनशन पर बैठे आढ़तियों का कहना है कि वह अब प्रशासन ओर की बातों ओर वायदों में नही आने वाले हम सभी तब तक बैठेंगे जब तक हमारी मांगे पूरी नही होती। सभी मंडी सचिव से बेहद खफ़ा है। पिछले अनशन के दौरान नाराज लोगों में मंडी सचिव का पुतला भी फूंका गया था।

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