पैरा खिलाडियों ने लगाया भेदभाव का आरोप; मुख्यमंत्री व खेलमंत्री से मिलेंगे

हरियाणा (भिवानी) :: अपनी समस्याओं पर विचार व विमर्श को लेकर हरियाणा पैरा खिलाडियो की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें अन्र्तराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर के ८० से अधिक पैरा खिलाडियों ने भाग लिया। जिसमे मुख्य रूप से हरियाणा खेल पॉलिसी २०२१ के बारे में विस्तार से चर्चा हुई। और पैरा खिलाडियो के साथ इसमें भेदभाव के प्रति रोष प्रकट किया गया। एशियन गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट और अर्जुन अवार्डी अमित सरोहा ने कहा कि २०१८ की खेल पाँलिसी के अन्दर सामान्य वर्ग के खिलाडी व पैरा खिलाडियों को कैश अवार्ड व सरकारी नौकरी को लेकर बराबर रखाा गया था। लेकिन २०२१ की खेल निती में पैरा खिलाडियों के साथ भेदभाव किया गया है। जिससे वे बहुत पिछे की तरफ अपने आप को धकेला हुआ महसुसर करते है। वहीं पैरा खिलाडियों ने दिवान्गजन अधिनियम २०१६ आर्टिकल नम्बर ०३ का भी उल्घंन करने का आरोप लगया है। २०१० की खेल पॉलिसी में दोनो वर्गो को सामान्य व बराबर रखने पर बहुत से पैरा खिलाडियों ने अच्छा प्रर्दशन किया था और पैरा ओलंपिक ओर पैरा एशियन गेम्स २०१८ जकार्ता में बहुत ही अच्छा प्रदर्शन करते हुूए अनेको मेडल देश को दिलाए थे। वहीं केन्द्र सरकार ने भी पैरा ख्लिाडियों व सामान्य खिलाडियों ाके समान सुविधा देने का प्रावधान किया था, जिसे भी नहीं निभाया जा रहा है। हरियाणा को छोडकर अन्य राज्यों में भी पैरा खिलाडियो ंको सामान्य खिलाडियों के बराबर की सुविधा व अधिकार दिए जा रहें हैं।

बैठक में सहमती से यह प्रसताव पास हुआ कि पैरा खिलाडियों का एक प्रतिनिधिमण्डल हरियाणा प्रदेश के मुख्यमंत्री व खेल मंत्री से मिलकर अपने से साथ हो रहे भेदभाव के प्रति नाराजगी जताएगा। और साथ ही मुख्यमंत्री व खेलमंत्री से नई खेल नीति में बदलाव के बारे में अनुरोध करेगा। इस अवसर पर अंन्तरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडी मनीष नरवाल, भीम आवार्डी एंव एशियन मैडलिस्ट राकेश पाण्डे, जयदीप, धर्मसिंह, राजेश सिंह, एशियन गोल्ड मैडलिस्ट एकता, तरूण, एशियन मेैडलिस्ट अमित, प्रदीप, नरेन्द्र, रामपाल, मोनु घनघस, विरेन्द्र धनखड, मदन सिंह, कर्मज्योति सहित अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।

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