लॉकडाउन में ख़त्म हुए पैसे तो अब किडनी बेचने पर मजबूर यह परिवार

वैन (ब्रज किशोर शर्मा - आगरा, उत्तर प्रदेश) :: वैश्विक महामारी कोविड-19 ने देश के लाखों लोगों की रोजी-रोटी पर संकट ला दिया। खासकर परेशानी सबसे ज्यादा उन मध्यमवर्गीय परिवारों को हुई जो किसी के आगे ना तो हाथ फैला सकते और ना ही मांग सकते हैं। ऐसा ही एक परिवार आगरा में है जो अपनी किडनी बेचने पर मजबूर हो गया। इस परिवार ने अपनी किडनी बेचने के लिए सीएम, पीएम, राष्ट्रपति, राज्यपाल और स्थानीय प्रशासन को ट्वीट भी किया है।

मोनिका नाज खान जो अपने परिवार के साथ हंसी खुशी रह रही थी तो पहले इनके पति की शू फैक्ट्री बंद हो गई। उसके बाद उन्होंने बुटीक खोला। फरवरी में खुला बुटीक वैश्विक महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन के कारण बंद हो गया। कुछ दिन तो जो पैसा घर में था उस से काम चलता रहा, लेकिन वह पैसा भी कितने दिन चलता? पैसा खत्म हुआ और अब अनलॉक शुरू हुआ तो जीवन भी पटरी पर आने लगा। जब जीवन पटरी पर आया तो बिजली का बिल सर पर आ गया। बच्चों की फीस सर पर पर आ गई। लेकिन घर में खर्चे तक के पैसे नहीं थे, तो स्कूल की फीस और बिजली का बिल कैसे यह परिवार जमा कर पाता?

इस मध्यमवर्गीय परिवार ने पहले ही अपनी बच्ची के इलाज के लिए ₹3 लाख का कर्जा लिया वो भी नहीं दे पा रहे हैं, तो इस परिवार की महिला मोनिका नाज ने फैसला किया कि अपनी एक किडनी बैच दे, जिससे उसके परिवार का लालन-पालन हो सके और वह आज भी उसी गरीबी से उबारने वाले ग्राहक की प्रतीक्षा में है।

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